
उद्योगों को और एक साल के लिए मिल सकते हैं [रिप्स] के लाभ






जयपुर। कोरोना संकट के दौरान सरकार प्रदेश की मौजूदा और पिछली निवेश प्रोत्साहन योजनाओं (रिप्स) के तहत लाभ की अवधि बढ़ा कर उद्योगोंं को संबल दे सकती है। उद्योगों को राहत देने के लिए अपनी सिफारिशों को अंतिम रूप दे रही टास्क फोर्स ने इस प्रावधान पर विचार किया है। सरकार ने इस सिफारिश पर निर्णय किया तो 2003 से 2019 तक आई चार निवेश प्रोत्साहन योजनाओं के तहत अब तक लाभ ले रहे उद्यमों के लिए इसकी अवधि एक वर्ष तक और बढ सकती हैे। सूत्रों ने बताया कि टास्क फोर्स की राय है कि रिप्स के तहत पहले से लाभ ले रहे उन उद्यमों के लिए अवधि एक वर्ष और बढ़ानी चाहिए, जिनके लिए समय सीमा 1 जनवरी 2020 से 30 जून 2020 के बीच समाप्त हो रही है। इसके अलावा ऐसे उद्योग जो इस वर्ष उत्पादन या सेवा 1 जुलाई से 31 दिसंबर के बीच शुरु करने वाले हैं, उनके लिए भी लाभ की अवधि को बढ़ाना बेहतर होगा।
पर्यटन को थ्रस्ट सेक्टर के लाभ
लॉकडाउन में बुरी तरह प्रभावित हुए पर्यटन क्षेत्र की इकाइयों को भी रिप्स के लाभ देने की येाजना है। फिलहाल रिप्स—2019 में पर्यटन क्षेत्र रिप्स के थ्रस्ट सेक्टर में शामिल नहीं है। लेकिन टास्क फोर्स की राय है कि इसे शामिल किया जाना चाहिए। इससे नीतिगत विशेष लाभ इस क्षेत्र को मिल सकेंगे। इस क्षेत्र की इकाइयां विभिन्न अनुदानों के लिए भी पात्र हो सकेंगी।
ये हैं रिप्स के लाभ
पिछले वर्ष दिसंबर में आई राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना के तहत सभी नए उद्यमों के लिए सात वर्ष तक विद्युत कर, मंडी शुल्क, भूमि कर, स्टाम्प शुल्क और भूमि रूपांतरण शुल्क में पूर्ण छूट दी है। राज्य जीएसटी में सात वर्ष के लिए 75 प्रतिशत निवेश अनुदान का प्रावधान भी है।


