
अपहरण मारपीट व मोबाइल छीनने के पुराने मामले कोर्ट में आरोपियों को किया बरी




अपहरण मारपीट व मोबाइल छीनने के पुराने मामले कोर्ट में आरोपियों को किया बरी
बीकानेर। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रमेश कुमार ने अपहरण, मारपीट और मोबाइल छीनने के एक पुराने मामले में पूनमचंद और सिरिया देवी को बरी किया। दरअसल, मामला वर्ष 2016 का है। नत्थूराम ने कोटगेट थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि वह अपनी बहन के घर पूनरासर गया था और वापस लौटते समय केईएम रोड पर पूनमचंद और उसकी पत्नी सिरिया देवी ने उसे जबरन टैक्सी में बैठाकर अपने घर ले गए। वहां उसे कमरे में बंद कर मारपीट की गई और उसके पास से 45 हजार रुपये व मोबाइल छीन लिया गया।
कोर्ट ने कहा कि नत्थूराम के बयान में कई विरोधाभास हैं। कभी वह जबरदस्ती टैक्सी में बैठाने की बात कहता है तो बहस में आराम से टैक्सी में जाने की बात स्वीकार करता है। मोबाइल बरामदगी और फोन कॉल से जुड़े साक्ष्य भी पुख्ता नहीं हैं। कॉल डिटेल रिकॉर्ड और अन्य जरूरी दस्तावेज पेश नहीं किए गए। कोर्ट ने यह भी माना कि जिस जगह से अपहरण बताया गया, वह बीकानेर का व्यस्त इलाका है, ऐसे में गुप्त रूप से अपहरण की कहानी विश्वसनीय नहीं लगती। पूरे मामले में अभियोजन आरोप साबित करने में असफल रहा।इन परिस्थितियों में कोर्ट ने पूनमचंद और सिरिया देवी को सभी आरोपों से बरी कर दिया। दोनों आरोपितो की ओर से पैरवी अधिवक्ता जावेद अख्तर ने की।




