
विधायक फंड कमीशन मामला: रेवंतराम डांगा के जवाब से बीजेपी असंतुष्ट, अनुशासन समिति को सौंपी जांच




विधायक फंड कमीशन मामला: रेवंतराम डांगा के जवाब से बीजेपी असंतुष्ट, अनुशासन समिति को सौंपी जांच
जयपुर। विधायक फंड (एमएलए-लैड) में कमीशन मांगने के आरोपों को लेकर रेवंतराम डांगा के जवाब से पार्टी संतुष्ट नहीं है। यह जानकारी शनिवार को जयपुर में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने दी। मदन राठौड़ ने कहा कि विधायक का जवाब मिला है, लेकिन उससे पार्टी संतुष्ट नहीं है। ऐसे में मामला पार्टी की अनुशासन समिति को सौंप दिया गया है। समिति विस्तृत जांच कर अपनी रिपोर्ट देगी, जिसके आधार पर आगे निर्णय लिया जाएगा।
प्रदेशाध्यक्ष ने बताया कि पार्टी में तय व्यवस्था के तहत ऐसे मामलों में पहले कारण बताओ नोटिस दिया जाता है। जवाब की आंतरिक स्तर पर जांच होती है। जवाब संतोषजनक नहीं होने पर मामला अनुशासन समिति को भेजा जाता है, जो तथ्यों के आधार पर जांच करती है। बीजेपी विधायक रेवंतराम डांगा, कांग्रेस विधायक अनीता जाटव और निर्दलीय विधायक ऋतु बनावत भास्कर के स्टिंग ऑपरेशन में विधायक फंड की सिफारिशों के बदले कमीशन मांगने के आरोप सामने आए थे। इसके बाद बीजेपी ने रेवंतराम डांगा को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।
सदाचार कमेटी के सामने पेशी
तीनों विधायक शुक्रवार को विधानसभा की सदाचार समिति के सामने पेश हुए। समिति के सभापति कैलाश वर्मा के समक्ष खींवसर विधायक ने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए समय मांगा। पूछताछ में तीनों ने खुद को निर्दोष बताया और सबूत पेश करने के लिए समय मांगा। समिति ने समयसीमा तय करते हुए—रेवंतराम को 15 दिन, अनीता को 7 दिन और ऋतु को 10 दिन—का समय दिया है। निर्धारित अवधि के बाद तीनों से अलग-अलग दिन दोबारा पूछताछ होगी। आरोप है कि तीनों विधायक अपने विधायक फंड से विकास कार्यों की सिफारिश के नाम पर डील करते हुए कैमरे में कैद हुए थे। रिपोर्टर ने डमी फर्म के प्रोपराइटर बनकर संपर्क किया और कथित भ्रष्टाचार को उजागर किया। फिलहाल मामला अनुशासन समिति के पास है और उसकी रिपोर्ट के बाद पार्टी अगला कदम तय करेगी।




