
बीकानेर: सोलर प्लांट के नाम पर खेजड़ी की अंधाधुंध कटाई, हरे पेड़ काटे जाने से ग्रामीणों में आक्रोश




बीकानेर: सोलर प्लांट के नाम पर खेजड़ी की अंधाधुंध कटाई, हरे पेड़ काटे जाने से ग्रामीणों में आक्रोश
बीकानेर। जिले में सोलर कंपनियों द्वारा राज्य वृक्ष खेजड़ी की अंधाधुंध कटाई का मामला लगातार गंभीर होता जा रहा है। ताजा मामला मंगलवार रात गांव मोमासर से धीरदेसर के कच्चे रास्ते का है, जहां 29 हरे खेजड़ी के पेड़ों को काटकर जड़ से उखाड़ दिया गया। घटना की जानकारी मिलते ही ग्रामीण युवा मौके पर पहुंचे और जमकर विरोध व आक्रोश जताया। इसके बाद वन विभाग की टीम भी मौके पर पहुंची और स्थिति का जायजा लेकर मौका रिपोर्ट तैयार की।
पड़ोसी खेत मालिकों और ग्रामीणों ने बताया कि मोमासर से करीब 2 से 2.5 किलोमीटर दूर धीरदेसर मार्ग पर सोलर प्लांट लगाने की तैयारी चल रही है। संबंधित सोलर कंपनी ने यहां करीब 150 बीघा जमीन ली है और इसी के तहत पेड़ों की कटाई की जा रही है। ग्रामीणों ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई। और बताया कि मौके पर 16 खेजड़ी के पेड़ कटे हुए पड़े मिले, जबकि 13 पेड़ पहले ही काटकर उठा लिए गए।
वन विभाग के सहायक वन संरक्षक सत्यपाल सिंह ने बताया कि सूचना मिलने पर चार सदस्यीय टीम को मौके पर भेजा गया। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह राजस्व भूमि का मामला है, इसलिए आगे की कार्रवाई राजस्व विभाग द्वारा की जाएगी। पूरे पश्चिमी राजस्थान में खेजड़ी की लगातार हो रही कटाई से पर्यावरणविद् गहरी चिंता जता रहे हैं। वर्ष 2025 में खेजड़ी कटाई के कई बड़े मामले सामने आए हैं।
जयमलसर और कावनी में करीब 10 हजार पेड़ काटे गए, पुगल और बज्जू में अनगिनत खेजड़ियां काटी गईं, लाखूसर का मामला राज्यभर में चर्चा का विषय बना, नोखा में पर्यावरण प्रेमियों ने लंबे समय तक धरना दिया पर्यावरण प्रेमियों और ग्रामीणों का कहना है कि सोलर प्लांट के लिए भी खेजड़ी काटने की कानूनन अनुमति नहीं है, इसके बावजूद कटाई जारी है। लोगों ने खेजड़ी संरक्षण के लिए सख्त कानून बनाने और तुरंत कटाई पर रोक लगाने की मांग की है।




