
बीकानेर के नाल स्थित मां करणी शिक्षण प्रशिक्षण महाविद्यालय में शिक्षा, हुनर और आत्मनिर्भरता का संगम रोजगार मेले का हुआ आयोजन




बीकानेर के नाल स्थित मां करणी शिक्षण प्रशिक्षण महाविद्यालय में शिक्षा, हुनर और आत्मनिर्भरता का संगम रोजगार मेले का हुआ आयोजन
बीकानेर।बीकानेर के मां करणी शिक्षण प्रशिक्षण महाविद्यालय नाल कॉलेज परिसर में “पहल — एक छत तले शिक्षा, हुनर और रोजगार” परक बालिका शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमिता प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इसमें बालिकाओं द्वारा एक नाटिका का भी प्रदर्शन किया गया।जिसमें बालिकाओं में आत्मविश्वास, कौशल और आर्थिक स्वावलंबन की भावना को सशक्त बनाने का प्रयास किया गया।
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण बालिकाओं द्वारा तैयार की गई वस्तुओं की प्रदर्शनी और बिक्री रहा।छात्राओं ने हस्तशिल्प, सजावटी सामग्री, पेंटिंग, होम डेकोर, मेहंदी डिज़ाइन, कलात्मक उत्पादों और कई उपयोगी चीज़ों की ऐसी शानदार प्रस्तुति दी, जिसने उपस्थित सभी अतिथियों और आगंतुकों को प्रभावित किया।
इस आयोजन में छात्राओं ने न सिर्फ अपने हुनर का प्रदर्शन किया, बल्कि यह भी बताया कि शिक्षा और कौशल साथ मिलकर कैसे रोजगार का रास्ता खोलते हैं। “पहल” का उद्देश्य यही था—बेटियों को ऐसा मंच देना, जहाँ वे अपनी प्रतिभा को असल पहचान में बदल सकें और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कदम बढ़ा सकें।
कार्यक्रम में लालेश्वर महादेव मंदिर के अधिष्ठाता स्वामी विमर्शानंद जी महाराज ने कहा कि बालिकाओं में शिक्षा और संस्कार दोनों का होना अत्यंत आवश्यक है। जब शिक्षित हाथों में हुनर जुड़ता है, तभी समाज आगे बढ़ता है। उन्होंने “पहल” की सराहना करते हुए कहा कि बेटियों की यह ऊर्जा और प्रतिभा भविष्य के उज्ज्वल भारत की तस्वीर दिखाती है।
MGSU की एसोसिएट प्रोफेसर शिक्षाविद एवं साहित्यकार डॉ. मेघना शर्मा ने ऐसे आयोजनों को बालिकाओं की आर्थिक स्वतंत्रता का मजबूत माध्यम बताया। उन्होंने कहा कि शिक्षा तभी सार्थक होती है जब वह रोजगार और स्वावलंबन तक पहुँचाए। “पहल” ने बालिकाओं के आत्मविश्वास और उनकी भविष्य निर्माण क्षमता को उजागर किया है।
डीडीएम नाबार्ड रमेश तांबिया ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में कौशल और उद्यमिता विकास नाबार्ड के प्रमुख उद्देश्यों में से एक है। “पहल” जैसी गतिविधियाँ बालिकाओं को न सिर्फ बाज़ार से जोड़ती हैं, बल्कि उन्हें वास्तविक जीवन में आगे बढ़ने का अवसर भी देती हैं। उन्होंने छात्राओं की प्रतिभा को सराहते हुए कहा कि यदि सही दिशा मिले तो हर बालिका एक सफल उद्यमी बन सकती है। इस अवसर पर महाविद्यालय की छात्राओं के अलावा बावा,एसबीआई, वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय सहित विभिन्न संस्थाओं द्वारा भी स्टॉल प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम में राजुवास प्राचार्य डॉक्टर दिनेश जैन, निशिता सुराणा,महाविद्यालय स्टाफ डॉ ऋतु श्रीमाली, रेखा वर्मा, डॉ पूनम मिड्ढा, सरिता पुरोहित, पंकज आचार्य, राकेश पुरोहित, शिव जी छंगाणी, कविता मेहरा, पूजा भाटी आदि उपस्थित रहे।




