
शिर्डी के साई बाबा’ फेम एक्टर सुधीर दलवी की हालत नाजुक, साई बाबा ट्रस्ट वहन करेगा इलाज का खर्च, बॉम्बे हाईकोर्ट से मिली मंजूरी




शिर्डी के साई बाबा’ फेम एक्टर सुधीर दलवी की हालत नाजुक, साई बाबा ट्रस्ट वहन करेगा इलाज का खर्च, बॉम्बे हाईकोर्ट से मिली मंजूरी
खुलासा न्यूज़, मुंबई। प्रसिद्ध एक्टर सुधीर दलवी, जिन्होंने 1977 में आई फिल्म ‘शिर्डी के साई बाबा’ में साई बाबा का किरदार निभाकर लोगों के दिलों में जगह बनाई थी, इन दिनों गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं। 86 वर्षीय दलवी की तबीयत लंबे समय से नाजुक बनी हुई है और उनका इलाज मुंबई के लीलावती अस्पताल में चल रहा है। घरवाले अब उनके इलाज का खर्च उठाने में असमर्थ हैं, जिसके बाद उन्होंने सार्वजनिक रूप से आर्थिक मदद की गुहार लगाई थी। अब उनके इलाज में मदद के लिए श्री साई बाबा संस्थान ट्रस्ट आगे आया है। ट्रस्ट ने सुधीर दलवी के इलाज के लिए 11 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने का फैसला किया है। इसके लिए ट्रस्ट को बॉम्बे हाईकोर्ट से विशेष अनुमति मिली है, क्योंकि ट्रस्ट के फंड का उपयोग आमतौर पर केवल धार्मिक और सामाजिक कार्यों के लिए किया जा सकता है।हाईकोर्ट की मंजूरी के बाद ट्रस्ट अब अपने फंड से अभिनेता का इलाज करवाएगा।
सुधीर दलवी को 8 अक्टूबर को लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
वे सेप्सिस (Sepsis) नाम की गंभीर और जानलेवा बीमारी से जूझ रहे हैं। यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें शरीर की इम्यून सिस्टम संक्रमण से लड़ने के बजाय स्वयं शरीर के अंगों को नुकसान पहुंचाने लगता है। परिवार के अनुसार, अब तक 10 लाख रुपए खर्च किए जा चुके हैं, जबकि पूरे इलाज में करीब 25 लाख रुपए की आवश्यकता है। बता दें कि सुधीर दलवी ने कई फिल्मों और टीवी शो में काम किया है। वो रामानंद सागर के शो रामायण में गुरू वशिष्ट और श्याम बेनेगल के शो भारत एक खोज में शाहजहां के रोल में नजर आ चुके हैं। इसके अलावा सुधीर दलवी को आशा, कर्मयोगी, क्रांति, अर्पण, पुकार, काले धंधे, हुकूमत, दादागिरी, अग्नि, तूफान, तिरंगा, खलनायक जैसी फिल्मों में भी अहम किरदारों में देखा गया है। आखिरी बार उन्होंने साल 2003 की फिल्म एक्सक्यूज मी में देखा गया था।
सेप्सिस एक ऐसी हेल्थ कंडीशन है, जिसमें हमारा इम्यून सिस्टम हमें प्रोटेक्ट करने की बजाय हमें ही डैमेज करने लगता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, साल 2020 में पूरी दुनिया में सेप्सिस के कारण 1 करोड़ 10 लाख लोगों की मौत हो गई। जबकि भारत के आखिरी आंकड़े साल 2017 के हैं। भारत में साल भर में 29 लाख लोगों की मौत हुई थी।




