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राजस्थान हाट में 07 दिवसीय ‘गांधी शिल्प बाजार’ का शुभारंभ 03 दिसम्बर को

राजस्थान हाट में 07 दिवसीय ‘गांधी शिल्प बाजार’ का शुभारंभ 03 दिसम्बर को
जयपुर। स्थानीय राजस्थान हाट, जल महल के पास, जयपुर में हस्तशिल्प विभाग, भारत सरकार तथा जय भैरव वेलफेयर सोसायटी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित सात दिवसीय गांधी शिल्प बाजार का आज भव्य शुभारंभ आज शाम 05.00 बजे होगा। मेले का शुभारंभ माननीय श्री रजत वर्मा, वरिष्ठ सहायक निदेशक (हस्तशिल्प), हस्तशिल्प सेवा केंद्र (HSC), जयपुर के कर-कमलों द्वारा किया गया।
हस्तशिल्प सर्वधन अधिकारी सुश्री प्रतिभा ने बताया कि इस वर्ष के गांधी शिल्प बाजार में पूरे भारत के विभिन्न क्षेत्रों से कुल 40 चयनित एवं प्रमाणित आर्टीजनों द्वारा भाग लिया जाएगा। इस मेले में भारत के विभिन्न क्षेत्रों जैसे कश्मीर, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, पुष्कर, अजमेर, बीकानेर, राजस्थान के अन्य जिलों एवं देश के अन्य राज्यों शामिल आर्टीजनों का चयन किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक आर्टिजन के साथ उनकी पारंपरिक कला, डिज़ाइन तकनीक, सांस्कृतिक कहानी और स्थानीय हस्तनिर्मित उत्पादों की विविधता भी इस मेले में देखने को मिलेगी, जो भारत की समृद्ध कला-परंपरा का वास्तविक प्रतिबिंब है।
उन्होने बताया कि इस मेले में प्रदर्शित किए जा रहे उत्पाद एवं क्राफ्ट श्रेणियाँ अत्यंत विविध और आकर्षक हैं। जय भैरव वेलफेयर सोसायटी के अनुसार, इस बार मेले में सम्मिलित प्रमुख हस्तशिल्प कला इस प्रकार है- टाई एंड डाई, बंधेज कला, कसीदाकारी, लेदर क्राफ्ट एवं जूते-चप्पल, पेपर मैसी, वुडन क्राफ्ट (लकड़ी के उत्पाद), टेराकोटा, पेंटिंग एवं मिनिएचर आर्ट, हस्तनिर्मित गृह सजावट एवं हैंडलूम एवं वस्त्र उत्पाद होगें।
इन समस्त कला रूपों के माध्यम से भारत के पारंपरिक डिजाइन, स्थानीय सामग्री एवं शिल्पकारों की दक्षता का समृद्ध रूप से प्रदर्शन किया जाएगा। यह एक ऐसा मंच है जहाँ ग्राहक सीधे कलाकारों से उत्पादों की खरीद कर सकते हैं, जिससे उन्हें उचित मूल्य भी मिलता है और कला को प्रोत्साहन भी मिलेगा।
*सुश्री प्रतिभा ने बताया कि गांधी शिल्प बाजार जैसे कार्यक्रम केवल एक व्यापारिक मेला नहीं बल्कि भारतीय हस्तशिल्प क्षेत्र के आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक विकास के महत्वपूर्ण साधन हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों से आर्टीजनों को राष्ट्रीय स्तर का मार्केट प्लेटफॉर्म मिलता है, उपभोक्ताओं से सीधा संवाद कर वे बाजार की मांग, डिजाइन पसंद और बिक्री प्रणाली को अच्छी तरह समझ पाते हैं, ई-कॉमर्स मंचों के माध्यम से ऑनलाइन विपणन की जानकारी भी आर्टीजनों को प्रदान की जाती है, इसके माध्यम से कच्चा माल, संसाधन, डिजाइन नवाचार तथा नवीन तकनीक पर चर्चा एवं सहयोग का अवसर भी मिलता है।
इस मेले का उद्देश्य बहुआयामी है इससे भारत के ग्रामीण एवं पारंपरिक हस्तशिल्प को राष्ट्रीय पहचान, आर्टीजनों के आर्थिक सशक्तिकरण, पारंपरिक कला को संरक्षित करना और नई पीढ़ी तक पहुँचाना एवं उपभोक्ताओं को हस्तनिर्मित, गुणवत्तापूर्ण एवं टिकाऊ उत्पाद उपलब्ध करवाना। संस्था ने यह भी बताया कि शिल्प मेलों के माध्यम से कलाकार सामाजिक और आर्थिक रूप से अधिक सक्षम होते हैं एवं उन्हें वर्षभर रोजगार के अवसर प्राप्त होते हैं।
उक्त गांधी शिल्प बाजार सात दिवसीय मेला सुबह 10 बजे से रात 9 बजे तक आम जनता के लिए खुला रहेगा। सभी नागरिकों, पर्यटकों एवं कला प्रेमियों से आग्रह किया है कि वे इस भव्य आयोजन में भाग लेकर भारतीय हस्तशिल्प की विरासत को समर्थन एवं प्रोत्साहन दें।

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