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बीकानेर: फर्जी वसीयत तैयार कर प्लॉट बेचने वाले को इतने साल का कारावास

बीकानेर: फर्जी वसीयत तैयार कर प्लॉट बेचने वाले को इतने साल का कारावास

बीकानेर। अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या एक ने 11 साल पहले पवनपुरी की गांधी कॉलोनी में फर्जी तरीके से वसीयत के कागजात तैयार कर प्लॉट बेचने के मामले में आरोपी को दोषी मानकर 5 साल के कारावास और 20,000 रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। पवनपुरी में करणी नगर निवासी परिवादीया सरिता और तुलसी देवी ने 20 जनवरी, 14 को बीछवाल पुलिस थाने में परमजीत कौर, भवानीसिंह, मदनसिंह, बनवारीलाल, कमला गांधी व जसवीरसिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। रिपोर्ट में बताया गया कि उन्होंने परमजीत कौर से गांधी कॉलोनी में 8 लाख रुपए देकर प्लॉट खरीदा था। उसका कब्जा भी ले लिया। परमजीत ने यह प्लॉट 25 नवंबर, 09 को गांधी कॉलोनी निवासी भवानीसिंह से खरीदा था। बाद में पता चला कि भवानीसिंह ने अन्य आरोपियों से मिलीभगत कर प्लॉट की वसीयत फर्जी तरीके से तैयार की थी।

बनवारीलाल और मदनसिंह भदौरिया की मृत्यु हो जाने के कारण पुलिस ने भवानीसिंह, परमजीत कौर व जसवीरसिंह के खिलाफ कोर्ट में 18 नवंबर, 14 को आरोप पत्र पेश किया। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद भवानीसिंह को दोषी माना और 5 साल के कारावास व 20,000 रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड की राशि जमा नहीं कराने पर दो माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। परमजीत कौर व जसवंतसिंह को दोषमुक्त किया। भवानीसिंह ने प्लॉट को कमला बताकर परमजीत कौर को बेचा था। उसने दावा किया था कि कमला ने एक जुलाई, 90 को प्लॉट की वसीयत भवानीसिंह के नाम की। 12 अक्टूबर, 91 को कमला की मृत्यु और वसीयत प्रभाव में आना बताकर सौदा किया, जबकि कमला जिंदा थी। बाद में कमला के पुत्र पुष्पेन्द्र ने प्लॉट खाली कराना चाहा। उसने कागज पेश किए जिससे सामने आया कि कमला के बेटे अरविन्द ने पुष्पेन्द्र के नाम रजिस्ट्री कराई है।

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