
बीकानेर: चैक अनादरण मामले में कोर्ट का बड़ा फैसला, आरोपी को 6 महीने की जेल और 5 लाख जुर्माना




बीकानेर: चैक अनादरण मामले में कोर्ट का बड़ा फैसला, आरोपी को 6 महीने की जेल और 5 लाख जुर्माना
बीकानेर। चैक अनादरण के एक महत्वपूर्ण मामले में एनआई एक्ट (Negotiable Instruments Act) के पीठासीन अधिकारी आशीष जयपाल ने आरोपी को दोषी मानते हुए सजा सुनाई है। परिवादी मुकेश सोनी पुत्र सूरजाराम सोनी की ओर से अधिवक्ता हनुमान सिंह ने इस प्रकरण में पैरवी की।
यह है मामला- परिवादी की और से अधिवक्ता ने 1 जुलाई 2020 को परिवाद पेश करते हुए बताया कि आरोपी इन्द्रचंद लावट जो कि उसके जान पहचान है। जिसने जुलाई 2019 में तीन बार में अलग-अलग 300,200 और 166 ग्राम सोना जो कि करीब 23 लाख 57 हजार का था जेवरात बनाने के लिए लिया और कहा कि दो महीने के बाद ज्वैलरी तैयार करके दे दूंगा। जिसके बाद जब समय पूरा हुआ तो परिवादी ने सामान मांगा तो आरोपी ने कहा कि तेजी-मंदी के चलते सामान खप गया है और कुछ दिन का समय दो। जिस पर परिवादी ने जान पहचान का होने के चलते समय दे दिया।
30 नवंबर 2019 को आरोपी और परिवादी के बीच सोने को लेकर अन्य लोगों के साथ पंचायती हुई तो 20 लाख का भुगतान चैक से करने पर सहमति बनी। जिस पर आरोपी की और से परिवादी को एक चैक चार लाख का दिया गया। 30 मार्च को आरोपी ने यह चैक दिया। जिसे परिवादी ने जब बैंक में लगाया तो बैंक में पैसे नही होने का हवाला देते हुए वापस कर दिया। जिसकी सूचना भी रजिस्टर्ड नोटिस के जरिये आरोपी को दी गयी लेकिन आरोप ने नोटिस जान बूझकर नहीं लिया। जिसके बाद परिवादी की और से परिवाद पेश किया गया।
न्यायालय ने परिवाद पर 21 जनवरी 2021 को प्रसंज्ञाान लिया। 30 सितंबर 2021 को न्यायालय ने दोनो पक्षों को सुनते हुए आरोप सारांश मौखिक सुनाया। जिस पर आरोपी की और से अन्वीक्षा चाही गयी। न्यायालय ने दोनो पक्षों के प्राप्त दस्तावेज देखे और जांच परख की। जिसके बाद न्यायालय ने आरोपी को दोषी मााना और सजा का फैसला दिया। न्यायालय ने चैक अनादरण के इस मामले में आरोपी इन्द्रचंद लावट को 6 माह का साधारण कारावास, 5 लाख जुर्माना लगाया है साथ ही जुर्माना राशि नहीं देने पर 30 दिन की अतिरिक्त कारावास भुगतेगा।




