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राजस्थान में बिना रेरा रजिस्ट्रेशन फ्लैट-भूखंड बिक्री पर रोक, 2017 से अब तक के सभी प्रोजेक्ट रिकॉर्ड तलब

राजस्थान में बिना रेरा रजिस्ट्रेशन फ्लैट-भूखंड बिक्री पर रोक, 2017 से अब तक के सभी प्रोजेक्ट रिकॉर्ड तलब
जयपुर। राजस्थान में बिना रेरा रजिस्ट्रेशन के आवासीय और बिल्डिंग प्रोजेक्ट बेचने के मामले बढ़े हैं। रेरा ने 2017 से अब तक स्वीकृत सभी योजनाओं का रिकॉर्ड विकास प्राधिकरणों और नगरीय निकायों से मांगा है। कई प्रोजेक्ट बिना रजिस्ट्रेशन के नक्शा पास कराए गए, जो नियम विरुद्ध है।
जयपुर: प्रदेश के शहरों में बिना रेरा (रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी) रजिस्ट्रेशन के ही मकान और भूखंड बेचे जाने के कई मामले सामने आ रहे हैं। इससे आम लोग फंस रहे हैं। अब रेरा ने इस पर सख्ती दिखाते हुए विकास प्राधिकरणों, नगर विकास न्यास और नगरीय निकायों से अब तक स्वीकृत सभी बिल्डिंग व आवासीय योजनाओं के रिकॉर्ड तलब कर लिए हैं।
इनमें साल 2017 से अब तक स्वीकृत सभी बिल्डिंग और आवासीय योजना शामिल है। विकास प्राधिकरणों और नगरीय निकायों की भी जिम्मेदारी तय की जाएगी। बताया जा रहा है कि कई प्रोजेक्ट ऐसे हैं, जिनमें बिल्डर ने रेरा में रजिस्ट्रेशनही नहीं कराया। लेकिन प्राधिकरणों और निकायों ने उनका नक्शा पास कर दिया। इनमें कुछ वर्षों पहले स्वीकृत प्रोजेक्ट शामिल हैं। ऐसे प्रोजेक्ट में फ्लैट या भूखंड बेचना नियमों के खिलाफ है।
न रेरा नंबर, न नक्शा मंजूर
शहर में जगह-जगह प्रॉपर्टी बेचने के पम्फलेट बांटे जा रहे हैं। इनमें बुकिंग पर लक्की ड्रा, गिफ्ट और इनाम जैसे लालच दिए जा रहे हैं। इन पम्फलेट में न तो रेरा रजिस्ट्रेशन नंबर छपा होता है और न ही स्वीकृत नक्शे की कोई जानकारी होती है।
इस तरह पता करें प्रॉपर्टी की जानकारी
रेरा वेबसाइट पर सर्च का विकल्प है। इसमें प्रोजेक्ट का नाम, रजिस्ट्रेशन नंबर या प्रमोटर नाम से ही प्रोजेक्ट सर्च किया जा सकता है। इसमें संबंधित प्रोजेक्ट के रजिस्ट्रेशन से लेकर उसका नक्शा, निर्माण के हर चरण की जानकारी मिलेगी।
यहां सख्ती भी बरकरार
यदि कोई प्रमोटर लगातार तीन तिमाही प्रोग्रेस रिपोर्ट नहीं देगा, तो सिस्टम स्वत: ही नॉन-कंप्लायंस (पालना नहीं) की प्रक्रिया शुरू करेगा और प्रोजेक्ट को लेप्स भी घोषित किया जा सकता है।

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