
बीकानेर संभाग से बड़ी खबर : यह क्षेत्र बना छावनी, इंटरनेट बंद, बीकानेर और श्रीगंगानगर की फोर्स तैनात, जानें क्या है मामला



बीकानेर संभाग से बड़ी खबर : यह क्षेत्र बना छावनी, इंटरनेट बंद, बीकानेर और श्रीगंगानगर की फोर्स तैनात, जानें क्या है मामला
हनुमानगढ़। हनुमानगढ़ के राठी खेड़ा गांव के 15 किलोमीटर दायरे में इंटरनेट बंद कर दिया गया। पूरा इलाका छावनी बना हुआ है। बीकानेर और श्रीगंगानगर से आरएसी, क्यूआरटी की टीमें बुलाई गई है।
दरअसल, टिब्बी क्षेत्र के गांव चक पांच आरके में प्रस्तावित 400 करोड़ की एथेनॉल फैक्ट्री का निर्माण शुरू होते ही विवाद बढ़ गया है। लोगों का आरोप है कि फैक्ट्री से प्रदूषण फैलेगा, भूजल दूषित होगा और क्षेत्र में बीमारियां फैलेंगी। फैक्ट्री बंद करने की मांग को लेकर पिछले डेढ़ साल से किसान और ग्रामीण धरना दे रहे हैं।
मंगलवार अलसुबह पुलिस ने किसान नेता महंगा सिंह समेत 12 से अधिक प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया गया। जिसके विरोध में बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए और प्रदर्शन किया। भीड़ को संबोधित करने पहुंचे विधायक अभिमन्यु पूनिया के अलावा 70 से अधिक किसानों और ग्रामीणों ने सामूहिक गिरफ्तारी दी, जिन्हें कुछ देर बाद छोड़ दिया गया।
बाहर से आने वाले रास्तों पर पुलिस ने नाके लगा दिए हैं, जिससे दूसरे गांवों के किसान यहां नहीं पहुंच सकें। टिब्बी सहित आस-पास के थानों की पूरी फोर्स सड़क पर उतर आई। हालांकि शाम को पुलिस थाने में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राज कंवर, गीता चौधरी, डीएसपी रमेशचंद्र माचरा, कर्ण सिंह, मीनाक्षी चौधरी और टिब्बी एसडीएम सत्यनारायण सुथार ने किसानों के प्रतिनिधिमंडल से वार्ता की।
इस दौरान बुधवार को जिला कलेक्टर के साथ किसानों की वार्ता करवाने पर सहमति बनी। किसानों की मुख्य मांग गिरफ्तार किसानों की रिहाई और फैक्ट्री का काम बंद करना है।भीड़ को देखते हुए मौके पर अतिरिक्त जिला कलेक्टर उम्मेदीलाल मीणा, एएसपी जनेश तंवर, संगरिया एसडीएम जय कौशिक, हनुमानगढ़ एसडीएम मांगीलाल सुथार, टिब्बी एसडीएम सत्यनारायण सुधार, रावतसर एसडीएम संजय जिंदल, नायब तहसीलदार सूर्यदेव स्वामी समेत कई अधिकारी राठी खेड़ा में ही डटे हैं। पुलिस का कहना है फिलहाल स्थिति काबू में है।
किसानों का कहना है- 15 महीनों से लगातार फैक्ट्री को बंद रखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। आज भी धरना चल रहा था। लेकिन विरोध-प्रदर्शन के बीच फैक्ट्री का निर्माण कार्य शुरू हो गया।
किसानों का कहना है कि फैक्ट्री का निर्माण होने से पूरा इलाका सेम (क्षारीकरण) की चपेट में है। एथेनॉल फैक्ट्री का गंदा पानी अगर जमीन में गया तो हजारों एकड़ खेती बर्बाद हो जाएगी। ऊपर से वायु प्रदूषण से आने वाली नस्लें बीमारियों की शिकार हो जाएगी।




