
पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी बोले – गोचर की 1 इंच जमीन भी नहीं जाने दूंगा, बड़े आंदोलन का करेंगे ऐलान





पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी बोले – गोचर की 1 इंच जमीन भी नहीं जाने दूंगा, बड़े आंदोलन का करेंगे ऐलान
गौशालाओं का अनुदान रिलीज करें सरकार, गोचर पर कब्जे करने की नियत को छोड़े
बीकानेर। बीकानेर गौशाला संघ के द्वारा आज मुरली मनोहर मैदान भीनासर में संभाग स्तरीय गौशाला संचालकों की विशाल सभा का आयोजन, बीकानेर गोशाला संघ को ग्राम सेवा संघ राजस्थान की संयुक्त तत्वाधान में किया गया। आज की विशाल सभा की अध्यक्षता पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी ने की। आज की सभा में हनुमानगढ़, गंगानगर, कुचामन, डीडवाना, नागौर, जोधपुर की लगभग 1300 गौशालाएं लगभग 12000 गौशाला संचालक प्रतिनिधि गौभक्त सम्मिलित हुए।
विशाल सभा का आयोजन संतों के पावन सानिध्य में किया गया इस सभा में संत क्षमाराम महाराज बीकानेर, महामंडलेश्वर ज्ञान स्वरूपानंद महाराज जोधपुर, महामंडलेश्वर सरजू दास महाराज बीकानेर, महंत परशुराम दास महाराज जयपुर, संत चंद्रमा दास महाराज सीकर, कथा वाचक शंकर महाराज सरदारशहर, कथा वाचक सुखदेव महाराज गडियाला, महंत भगवान दास जांबा फलोदी, संत आकाशवाणी महाराज श्रीगंगानगर, संत अमरानंद महाराज, संत शंभू गिरी महाराज, संत रामप्रकाश महाराज महंत श्याम गिरी महाराज रातडिया धाम, संत चंद्रशेखर महाराज भैलु, गौ कथा वाचक श्रद्धा गोपाल दीदी चूरू, किशन गिरी महाराज तारानगर चूरू, सुनील जी महाराज व सुनीता दीदी झुंझुनू आदि सम्मिलित हुए।
समिति के संयोजक जगदीश सिंह राजपुरोहित ने बताया कि गौशालाओं के हित आयोजित हुई संभाग स्तरीय गौशाला संचालक विशाल सभा, गौशालाओं को बचाने के लिए भविष्य में होने वाले विरोध का शंखनाद है।
इस अवसर पर संघ के सुनील व्यास ने बताया कि वर्तमान में गौशालाएं पिछले 3 वर्ष से बहुत ज्यादा उत्पीडि़त हो रही है, सरकार की मंशा सरलता से अनुदान देने की रही होगी, परंतु प्रशासन और गोपालन विभाग गौशालाओं को बहुत ज्यादा तंग कर रहा है।
इस सभा में की अध्यक्षता करते हुए गोचर संरक्षक संघ के प्रधान संरक्षक गोचर आंदोलन के पुरोधा पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी ने कहा कि सरकार आम जन की बात सुने, गौशालाओं का अनुदान रिलीज करें और गोचर पर कब्जे करने की नियत को छोड़े, यदि सरकार प्रशासन इस विषय को गंभीरता से नहीं लेता है तो चार-पांच दिन बाद में एक बड़ा आंदोलन का आगाज किया जाएगा और आवश्यकता पड़ी तो मैं देह त्याग भी करूंगा, पर गोचर की 1 इंच जमीन भी नहीं जाने दूंगा।
बीकानेर गौशाला संघ के अध्यक्ष सूरजमाल सिंह नीमराना ने कहा कि सरकार से हमारी मुख्य मांग के रूप में गौशाला का अनुदान संस्था से मिले गौशाला की कागजी कार्रवाई काम हो गौशाला का अनुदान समय पर मिले गाय को राज्य धरोहर बने, गोचर सुरक्षित हो, गोचर का अधिग्रहण बंद ह गौवंश को पशु श्रेणी से बाहर निकल जाए और 7 नवंबर को गोभक्त बलिदान दिवस घोषित किया जाए उन्होंने कहा कि सरकार एक ऑर्डिनेंस लाकर यह सभी कार्य कर सकती है सरकार को यह कार्य पूरे मनोयोग से करना चाहिए तभी भाजपा को वोट देना सार्थक होगा अनीता भाजपा में अन्य पार्टी में कोई फर्क नहीं है। गौ ग्राम सेवा संघ के प्रदेश अध्यक्ष ललित दाधीच चुरू ने कहा कि इस विशाल सभा से हमने सरकार को चेताया है कि यदि गौशालाओं की सरकार सकारात्मक विचार नहीं रखेगी तो बड़े आंदोलन के लिए तैयार रहे।
सभा को गोग्राम सेवा संघ के प्रदेश संगठन महामंत्री हनुमान सिंह पालवास सीकर, गौ ग्राम सेवा संघ के प्रदेश महामंत्री प्रकाश व्यास जोधपुर, गो ग्राम सेवा संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष राधेश्याम बत्रा गंगानगर, गौ ग्राम सेवा संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष रामजीवन डांगावास नागौर आदि सम्मिलित हुए। आज की बैठक में उपस्थित सभी संतो को गोग्राम सेवा संघ का संरक्षक नियुक्त किया गया और निरंजन सोनी महाजन को प्रदेश सचिव मनोनीत किया गया। आयोजन समिति के संयोजक जगदीश राज ने विशाल सभा में पहुंचे सभी गौभक्तों का आभार जताया। मंच संलाचन अगर सिंह परिहार कोटासर द्वारा किया गया।
सभा में अपनी बात रखते हुए रामजीवन जी डागां नागौर ने कहा कि आज गौशालाओं को विवश होकर विरोध का रास्ता पकडऩा पड़ा है, हमारे इस विरोध का शंखनाद बीकानेर से किया गया है, उसके बाद राजस्थान के सातों संभागों में बड़ी सभाओं का आयोजन किया जाएगा और जनवरी के दूसरे सप्ताह में 1 लाख गौशाला संचालक व गो भक्तों के साथ विशाल सभा का आयोजन जयपुर स्तर पर किया जाएगा।
आयोजन समिति के सहसंयोजक हनुमान तर्ड ने बताया कि इस विशाल गौशाला संचालक सभा में बीकानेर, चूरू, श्री गंगानगर, हनुमानगढ़ के बीकानेर संभाग सहित डीडवाना कुचामन, नागौर की गौशालाओं से सेकडो बसे,सेकडो छोटे वाहन सभा में आऐ, जिसकी पार्किंग कि समस्त व्यवस्थाएं संघ ने मुरली मनोहर गौशाला, मुरली मनोहर मैदान के आसपास के स्थान,व मुरली मनोहर धोरे के पास उदारामसर रोड पर की है।
संघ के महामंत्री निरंजन सोनी ने कहा कि वर्तमान शासन व्यवस्था सरकार के खिलाफ डीप स्टेट के रूप में कार्य कर रही है, यह विरोध सरकार के खिलाफ नहीं है,यह उन व्यवस्थाओं के खिलाफ है, जो सरकार को अस्थिर करने के लिए गौशालाओं गोचर,ओरण आदि को हस्तगस्त करके अव्यवस्था फैलाना चाहती है। सरकार के प्रति आम जन में रोष फैलाना चाहती है। समय रहते सरकार को यह समझना चाहिए ऐसे अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें ताकि आम जन मे सरकार के प्रति रोष व्याप्त ना हो।
श्री महंत क्षमा राम जी महाराज सींथल ने कहा कि इस सभा में संपूर्ण राजस्थान की गोचर ओरण आदि भूमि को संरक्षण के लिए संकल्प लिया जाएगा। और सभा में यह निर्णय लिया जाएगा, कि वर्तमान स्थिति में गोचर ओरण को कैसे बचाया जाए, उसको कैसे सुरक्षित किया जाए,सरकारी इस गोचर और उनको बचाने के लिए कटिबध हो इस पर हमें कार्य करना चाहिए।
इस विशाल सभा में महामंडलेश्वर ज्ञानस्वरुपानंद जी महाराज ने कहा कि राजस्थान की आज की सरकार को संतों महंतों और गाय पालने वालों की सरकार कहा जाता है लोग संतो को बीजेपी का बताते हैं और यही बीजेपी गए संत के प्रति नकारात्मक चल रही है सरकार को इस विषय पर संज्ञा लेना चाहिए अन्यथा संत समाज भी विरोध करेगा।
संत परशुराम दास जी महाराज ने कहा कि हम बीजेपी के लोग हैं और बीजेपी की सरकार में हमें प्रताडि़त किया जा रहा है यदि समय रहते सरकारी नहीं सामली तो भविष्य में बीजेपी का आना दुष्कर हो जाएगा।
महंत भगवान दास जी महाराज जांबा फलोदी ने कहा कि सरकार गौशालयों को सरलता से अनुदान देवी गौशालाओं को प्रताडऩा बंद हो अन्यथा सरकार बड़े आंदोलन के लिए तैयार रहे हम सबको मिलकर एक बड़ा आंदोलन करना पड़ेगा और जयपुर कूच करना पड़ेगा आप सभी गौशाला संचालको भी इसके लिए तैयार रहना चाहिए।
आज इस विशाल गौशाला संचालक सभा में बीकानेर गौशाला संघ के, बलदेव दास भदानी,महेंद्र सिंह लखासर,लूणकरणसर तहसील अध्यक्ष भैराराम रोझ, नोखा तहसील महामंत्री भंवरलाल बिश्नोई, श्री डूंगरगढ़ तहसील महामंत्री अगरसिंह कोटासर, श्री कोलायत तहसील अध्यक्ष मोती सिंह राजपुरोहित, वह खाजूवाला तहसील महामंत्री रामकुमार तेतरवाल, बीकानेर तहसील अध्यक्ष प्रेम कुमार गोदारा, भैराराम नाई, बाबूलाल जोशी, शंकर पारीक, सुनील व्यास, जुगल किशोर पारीक, त्रिलोक मारू, चांदवीर सिंह नीमराना, उमाशंकर सोलंकी, भगवान राम, देवीलाल गोदारा, रुपाराम सुथार, रेवत सिंह परिहार, सरवन सिंह राजपुरोहित, लाल सिंह राजपुरोहित, लक्ष्मी नारायण ओझा भैरू सिंह भाटी, किशोर सिंह राठौड़, नंदलाल व्यास, किशन सुथार, हनुमान चौधरी, हेमराज चौधरी, राजूराम उपाध्याय,काशी झवर,पी एम सिंहराव, त्रिलोक मारु, ओमप्रकाश रोहित, हनुमान सिहं भाटि, रानीदानसिह सारूंडा रुपाराम सुथार, मगाराम सुथार, आदि सम्मिलित हुए।




