बीकानेर में चलती ट्रेन के दो कोच पटरी से उतरे, मची अफरा तफरी, मौके पर एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की टीम पहुची मौके पर

बीकानेर में चलती ट्रेन के दो कोच पटरी से उतरे, मची अफरा तफरी, मौके पर एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की टीम पहुची मौके पर

बीकानेर मंडल पर रेलवे, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ तथा अन्य एजेंसियो द्वारा, जामसर स्टेशन यार्ड में किया गया आपदा प्रबंधन का संयुक्त अभ्यासउत्तर पश्चिम रेलवे के बीकानेर मंडल के जामसर स्टेशन यार्ड में,
संरक्षा विभाग द्वारा दिनांक ३०.१०.२०२५ को सुबह १०:५१ से १२:१७ तक मॉक ड्रिल की गई। गाडी संख्या १९७२० जामसर स्टेशन से गुजर रही थी और स्टेशन मास्टर गाडी वाच कर रहा था द्य इस दौरान स्टेशन मास्टर ने देखा कि यार्ड से गुजर रही गाडी के पिछले २ कोच डिरेल हो गये हैं द्य इस स्थिति को देखकर स्टेशन मास्टर ने तत्परता दिखाते हुए उच्च अधिकारियों को कंट्रोल के माध्यम से सूचना दी द्य इसके बाद अधिकारियों ने सेल्फ प्रोपेल्ड एक्सीडेंट रिलीफ ट्रेन(स्क्क्रक्रञ्ज) एवं दुर्घटना राहत गाड़ी को घटनास्थल पर पहुँचने का आदेश दिया साथ ही हृष्ठक्रस्न ( राष्ट्रीय आपदा मोचन बल )व  (राज्य आपदा मोचन बल ) को भी सूचित किया द्य आदेश पाकर उक्त राहत प्रदान करने वाली गाडीयां घटना स्थल जामसर स्टेशन यार्ड के लिए रवाना हुई द्य अधिकारियों ने रेलवे अस्पताल लालगढ़, राजकीय अस्पताल बीकानेर, अग्निशमन विभाग,स्काउट गाइड एवं सिविल पुलिस बल को सहयोग के लिए तत्काल सूचित किया गया द्य घटनास्थल पर एक स्लीपर कोच दूसरे स्लीपर कोच के ऊपर चढ़ा हुआ था द्य इस स्थिति को देखकर सभी बचाव दलों, दुर्घटना राहत गाड़ियों व स्क्क्रक्रञ्ज ने त्वरित गति से कार्य शुरू किया द्य
इसमें एनडीआरएफ की टीम ने टीम के सदस्यों ने अपनी सूझबूझ में अत्याधुनिक तकनीकी मशीनों से त्वरित कार्रवाई करते हुए राहत एवं बचाव कार्यों में महती भूमिका निभाने का प्रदर्शन किया। सर्वप्रथम दुर्घटनास्थल को विशेष चमकीले टैग से घेराबंदी किया गया और उसमें अनावश्यक खड़ी जनता को दूर किया गया, फिर एनडीआरएफ की टीम द्वारा लाउडस्पीकर से घोषणा की गई, कि हमारी टीम द्वारा सभी फंसे हुए घायलों को बाहर निकाल लिया जाएगा आप धैर्य बनाए रखें और अपना सहयोग प्रदान करें।
इस घटना में कुल ३० व्यक्ति घायल हुए जिनको बाहर निकालकर उपचार किया गया। इसमें कुछ घायलों को निजी प्राइवेट हॉस्पिटल एवं स्थानीय सरकारी अस्पताल में भी उपचार हेतु एंबुलेंस के माध्यम से भेजा गया। इस मॉकड्रिल में कुल ७ एम्बुलेंस पहुँची जो रेलवे,राजकीय एवं प्राइवेट हॉस्पिटल, १०८ एंबुलेंस की सर्विस सम्मिलित थी। इस प्रक्रिया में चिकित्सा विभाग द्वारा घरेलू की एक सूची तैयार की गई जिसमें रेलवे स्टाफ निश्चित किया कि कोई भी घायल अब इन कोचों में नहीं बचा है। इस पूरी प्रक्रिया की ड्रोन कैमरे की सहायता से निगरानी एवं फोटोग्राफी की गई सिग्नल एवं टेलीकॉम विभाग द्वारा घटनास्थल से लाइव प्रसारण किया गया जिसकी मंडल कार्यालय एवं मुख्यालय के डिजास्टर मैनेजमेंट रूम में बैठे अधिकारियों द्वारा निगरानी रखी गई इसके लिए हेल्पलाइन काउंटर खोले गए एवं टेलीफोन नंबर दिए गए जिन्हें चेक भी किया गया।
जनसम्पर्क विभाग द्वारा मीडीया को दुर्घटना से सम्बन्धित वास्तविक जानकारी उपल ब्ध कराई गयी द्य इसके साथ ही हेल्पलाइन नम्बर जारी किये गये व घायलों के परिजनों से सम्पर्क (समन्वय) हेतु सार्थक प्रयास किये गये द्य
रेलवे के वाणिज्य, यांत्रिक, इंजीनियरिंग, संरक्षा, चिकित्साए, परिचालन, सिगनल एवं दूरसंचार, कार्मिक विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने सराहनीय सहयोग प्रदान किया।
अंत में अपर मंडल रेल प्रबंधक श्री रुपेश कुमार ने असिस्टेंट कमांडर एनडीआरफ श्री प्रवीण कुमार , सब इंस्पेक्टर बीरबल सिंह एसडीआरएफ , जामसर सिविल इंस्पेक्टर श्री रवि कुमार , सर्किल ऑफिसर लूनकरणसर श्री नरेंद्र व उक्त सभी की टीम का धन्यवाद किया साथ ही भविष्य में इस प्रकार की एक्सरसाइज में इसी जॉब्स के साथ सहयोग की आशा जताई द्य वरिष्ठ मंडल संरक्षण अधिकारी अंकुर कुमार झिंगोनिया ने भी इस मॉक एक्सरसाइज हेतु सभी का तहेदिल से आभार प्रकट किया।

यह पूरी प्रक्रिया आपदा प्रबंधन के लिए उपलब्ध संसाधनों के चुस्त- दुरुस्त होने एवं अभ्यास के लिए की गई जिसमें रेलवे के निर्धारित मापदंड के अनुसार सब कुछ सही पाया गया एवं अभ्यास सफलतापूर्वक पूरा हुआ ।

Join Whatsapp
खबरें और विज्ञापन के लिए इस नंबर पर व्हाट्सएप करें- 76659 80000 |खबरें और विज्ञापन के लिए इस नंबर पर व्हाट्सएप करें- 76659 80000 |