
भारतीय रेलवे का नया कदम: लोको पायलट को झपकी आई तो खुद रुक जाएगी, 166 इलेक्ट्रिक इंजनों में लगाया ऑटो ब्रेक सिस्टम





भारतीय रेलवे का नया कदम: लोको पायलट को झपकी आई तो खुद रुक जाएगी, 166 इलेक्ट्रिक इंजनों में लगाया ऑटो ब्रेक सिस्टम
खुलासा न्यूज़। भारतीय रेलवे ने यात्रियों की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए ट्रेनों के इंजनों में विजिलेंस स्विच सिस्टम को अपग्रेड कर दिया है। यह आधुनिक ऑटोमेटिक सिक्योरिटी सिस्टम अब चलती ट्रेन में लोको पायलट की केवल एक मिनट की निष्क्रियता को भी पहचानकर आपातकालीन ब्रेक लगा देता है।
उत्तर पश्चिम रेलवे के जोधपुर मंडल के भगत की कोठी डीजल शेड में मौजूद 169 इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव में से 166 इंजनों में यह अपग्रेडेशन पूरा कर लिया गया है, जबकि बाकी तीन इंजन जल्द ही इस तकनीक से लैस होंगे।
सीनियर डिविजनल मैकेनिकल इंजीनियर (डीजल) राजकुमार शर्मा के अनुसार, पहले इंजनों में लगे फुट ऑपरेटेड विजिलेंस स्विच (PVCd) में चालक कई बार बिना ध्यान दिए नियमित रूप से दबा देते थे, जिससे उनकी वास्तविक सतर्कता की जांच नहीं हो पाती थी। अब इसे आरडीएसओ (RDSO) के नए मानकों के अनुरूप हैंड ऑपरेटेड पुश बटन सिस्टम (BPVG) में बदला गया है।
मंडल विद्युत इंजीनियर (रोलिंग स्टॉक) हर्षित कुमार सिंह ने बताया कि यह सिस्टम तीन चरणों में काम करता है: यदि लोको पायलट 60 सेकंड तक कोई गतिविधि नहीं करता है, तो पहले विजुअल वार्निंग (लाइट सिग्नल) देता है। प्रतिक्रिया न मिलने पर साउंड अलार्म सक्रिय होता है। फिर भी चालक निष्क्रिय रहे तो सिस्टम स्वचालित रूप से इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोक देता है।
जोधपुर डीआरएम अनुराग त्रिपाठी के निर्देशन में किया गया यह अपग्रेडेशन रेलवे की तकनीकी प्रगति की दिशा में एक अहम कदम है। इस व्यवस्था से अब किसी भी अप्रत्याशित स्थिति में ट्रेन को स्वचालित रूप से रोकना संभव हो गया है, जिससे संभावित दुर्घटनाओं से बचाव सुनिश्चित किया जा सकेगा। यह तकनीक न केवल ट्रेन संचालन को अधिक सुरक्षित बनाती है, बल्कि भारतीय रेलवे की यात्री सुरक्षा के प्रति संवेदनशीलता और तकनीकी उन्नति का भी परिचायक है।




