
राजस्थान में विधायको सहित भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को मिल सकती है राजनीतिक नियुक्तियां, 100 से ज्यादा बोर्ड-निगमों-आयोग में नियुक्तियों की तैयारी शुरू





राजस्थान में विधायको सहित भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को मिल सकती है राजनीतिक नियुक्तियां, 100 से ज्यादा बोर्ड-निगमों-आयोग में नियुक्तियों की तैयारी शुरू
जयपुर। राजस्थान में बिहार चुनाव के बाद 10 हजार से ज्यादा बीजेपी कार्यकर्ताओं-नेताओं को राजनीतिक नियुक्तियों का तोहफा मिल सकता है। प्रदेश भाजपा ने 100 से ज्यादा बोर्ड-निगमों-आयोग में नियुक्तियों की तैयारी शुरू कर दी है। इसमें वसुंधरा खेमे के नेताओं को भी जगह मिल सकती है। वहीं, कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए लालचंद कटारिया, राजेंद्र यादव जैसे नेता भी रेस में शामिल हैं।
बोर्ड-आयोग में कई पद ऐसे हैं, जिनका दर्जा मंत्री स्तर का होता है। नियुक्तियों में जो पद सौंपे जाएंगे, उनमें हर महीने 20 हजार से लेकर 1 लाख 20 हजार तक वेतन मिलेगा। भजनलाल सरकार आने के बाद प्रदेश में अब तक मात्र 9 बोर्ड-आयोगों में ही राजनीतिक नियुक्तियां हो सकी हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आगामी पंचायत-निकाय चुनाव से पहले सरकार कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर कर एक तीर से दो निशाने साधना चाहती है।
पिछले 2 साल से अटक रहीं नियुक्तियां, हो चुका विवाद
प्रदेश में राजनीतिक नियुक्तियों की अटकलें दिसंबर 2023 में भजनलाल सरकार के गठन के बाद से ही शुरू हो गई थीं। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले 7 वरिष्ठ नेताओं को राजनीतिक नियुक्तियां दे दी थी। उसके बाद कुछ अन्य आयोग और बोर्ड में नियुक्तियां हुईं। इनमें 2 अगस्त, 2025 को पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी को राज्य वित्त आयोग का अध्यक्ष बनाया गया।
इससे पहले 14 अक्टूबर 2024 को 78 नगरीय निकायों में 550 मनोनीत पार्षदों के आदेश जारी किए थे। इससे बखेड़ा खड़ा हो गया था। कुछ घंटे बाद ही इन आदेशों को स्थगित कर दिया गया था। विवाद होने पर सरकार और संगठन ने राजनीतिक नियुक्तियां रोक दी थीं। हालांकि वजह स्पष्ट नहीं है, लेकिन माना जा रहा है कि कुछ जगह स्थानीय विधायकों के चहेतों के नाम शामिल नहीं करने की वजह से स्थिति बनी थी।




