
जिला अध्यक्ष पद में अगर गहलोत की बोली हुई बात चली तो कई दिग्गज होगे दौड़ से बाहर





जिला अध्यक्ष पद में अगर गहलोत की बोली हुई बात चली तो कई दिग्गज होगे दौड़ से बाहर
खुलासा न्यूज़, बीकानेर। जिला कांग्रेस को लंबे समय बाद अब जल्द ही नया जिलाध्यक्ष मिलने वाला है। इसको लेकर पर्यवेक्षक ने आलाकमान को अलग-अलग नामों की रिपोर्ट सौंप दी है। अब उम्मीद है की जल्द ही जिलाध्यक्ष के नाम की घोषणा हो जाएगी। हालांकि नेता अपने-अपने नामों के फाइनल होने का दावा कर रहे है लेकिन मुहर किसके नाम पर लगेगी वो तो समय ही बताएगा। लेकिन सूत्रों की माने तो जिला अध्यक्ष पद की रेस में अनिल कल्ला, साजिद सुलेमानी, गजेंद्र सांखला, अरविंद मिड्ढा आगे चल रहे है। लेकिन अध्यक्ष पद को अशोक गहलोत का बयान भी सियासी गलियारों में काफी चर्चा का विषय बना हुआ है। दरअसल, प्रेस वार्ता के दौरान गहलोत ने कहा था कि इस बार जिला अध्यक्ष 50 से कम की उम्र का होगा। अगर ऐसा होता है तो बीकानेर से कई दिग्गज नेता अध्यक्ष की रेस से बिलकुल ही बाहर हो जाएंगे। सोशल मीडिया पर कांग्रेस नेता अरुण व्यास का नाम भी काफी चर्चा में है। लेकिन उनका नाम अक्सर पायलट गुट में लिया जाता है। ऐसे में अगर सचिन पायलट की चलती है तो व्यास भी अध्यक्ष पद की रेस में आगे है। लेकिन अशोक गहलोत से रायशुमारी होती है तो शायद अरुण व्यास इस रेस में पिछड़ भी सकते है।
6-6 नामों का पैनल
मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस के शहर और देहात अध्यक्ष को लेकर दिल्ली में शुक्रवार को राष्ट्रीय महासचिव के.सी.वेणुगोपाल के सामने चुनाव पर्यवेक्षक, प्रदेश प्रभारी और जिला प्रभारी के साथ चर्चा हुई। पर्यवेक्षक शहर और देहात से 6-6 नामों का पैनल लेकर पहुंचे थे। लंबी चर्चा के बाद उस पैनल से 4-4 नाम हटा दिए गए। अंत में सिर्फ दो-दो नाम बचे। इन बचे दो नामों में भी किसे अध्यक्ष बनाया जाना है वो नाम भी तय हो मगर राहुल गांधी की मोहर उस पर लगनी बाकी है। बीकानेर शहर और देहात से करीब 59 लोगों ने शहर-देहात कांग्रेस अध्यक्ष के लिए दावेदारी की थी। दिल्ली पहुंचने के बाद पर्यवेक्षक और दिल्ली कांग्रेस के नेता राजेश लिलोठिया ने शहर से 6 और देहात से 6 नामों का पैनल बनाया। सूत्रों के मुताबिक शहर के इन छह नामों में ब्राह्मणों में एक, राजपूतों में एक, अल्पसंख्यक से दो, ओबीसी से एक और एससी वर्ग से एक नाम लिया गया मगर इसमें से शुक्रवार को चार नाम हटा दिए गए। अब सिर्फ दो नामों का पैनल रह गया।




