सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे जुए के वीडियो विधायक सहित प्रशासन की खोल रहे पोल, सिंगियों का चौक, मोहता चौक, झवरो का चौक सहित परकोटा बना जुए का हब

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे जुए के वीडियो विधायक सहित प्रशासन की खोल रहे पोल, सिंगियों का चौक, मोहता चौक, झवरो का चौक सहित परकोटा बना जुए का हब

 

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे जुए के वीडियो विधायक सहित प्रशासन की खोल रहे पोल, सिंगियों का चौक, मोहता चौक, झवरो का चौक सहित परकोटा बना जुए का हब
बीकानेर। दीपावली के त्यौहार पर शहर में सुरक्षा के नाम पर खानापूर्ति थी। कोतवाली, नयाशहर, गंगाशहर थाना इलाकों में माना ऐसा लग रहा था कि अब इन इलाकों में थाने बंद हो गये है। 19 से लेकर 22 की रात तक कोतवाली, नयाशहर व गंगाशहर इलाकों में नाममात्र के पुलिसकर्मियों के हवाले शहर को छोड़ दिया। इसका फायदा जुआरियों ने उठाया। परम्परा के नाम पर जमकर सडक़ों पर जुए चला जो शर्मसार करने वाला था। आमजन ने जुए के वीडियों बनाकर सोशाल मीडिया पर डालकर पुलिस की कार्यप्रणाली में सवालियां निशान लगा रहे थे। शर्म की बात तो यह है जहां रोजाना पुलिस की गश्त की गाड़ी इलाको में रात को चार बार चक्कर निकालती है लेकिन इन चार दिनों में मानों तो एक भी गाड़ी नहीं आई अगर आई तो वो नाममात्र थी। गाड़ी के आने पर एक बार सडक़ से उठ जाते उसके बाद वापस बैठ जाते थे।
शहर के इन इलाकों में जुआरियों ने विधायक व पुलिस प्रशासन की जमकर उड़ाई धज्जियां
जब चुनाव हुए उस समय शहरवासियों को राहत मिली की अब शहर में वो सरकार है जिसने शहर में नशा व जुए पर अंकुश लगेगा। लेकिन शहरवासियों उस समय धक्का लगा जब दीपावली के त्यौहार पर शहर के मोहता चौक,भट्टडों का चौक, मालिया का मौहल्ला, नयाशहर थाने के पास बारहगुवाड़, चाय पट्टी, बड़ा बाजार, भादाणी सिंगियों का चौक, नत्थुसर गेट, झंवरों का चौक, गोपेश्वर बस्ती, भादाणी बगेची के पास सहित कई ऐसे इलाके थे जहां पर सडक़ों पर जुए की बड़ी मंडी लगी।
बाप बेटे, काका-भतीजा साथ में खेला जुआ
इससे ज्यादा क्या शर्मनाक होगा कि आज के युग में सांस्कृति की बात करने वाले समाज में बाप बेटा, काका भतीजा एक ही जाजम पर जुए खेलते दिखे। ऐसे में क्या आने वाली पीढ़ी को क्या संदेश देना चाहता है।
पुलिस की किरकिरी
जिस तरह से बीकानेर शहर में सडक़ों पर जुए का खेल चल रहा था इससे पुलिस के सभी दावे खोखल साबित हो गये। मजे की बात यह है कि पुलिस रोजाना जुए के ठिकानों पर छापा मारती है और जुआरियों को पकड़ती है। तो दीपावली के त्यौहार पर क्या पुलिस विभाग द्वारा जुआरियों को खुली छुट दी जाती है कि वो सडक़ों पर खुल्लेआम जुआ खेलो आपको कोई पकड़ेगा। पुलिस ने एक भी छापा नहीं मारा और ना ही किसी को पकड़ा। मजे की बात तो ये रही कि थानों में फोन उठाने वाला कोई नहीं था। अगर इस दौरान कोई हादसा हो जाता तो पुलिस तो मौके पर नहीं आती है।
जब हमने इसकी तह तक जाने की कोशिश की कि पुलिस बीकानेर में पुलिस इस सामाजिक बुराई को रोकने में नाकाम कैसे है पुलिस एक भी रेड नहीं मारती है जिससे की सडक़ों पर जुआ खेलने वालों को रोका जा सकता है। तो सामने आया कि जुआरियों ने कहा हमारी ऊपर तक सेटिंग है तभी तो पुलिस नहीं आती है। अन्यथा पुलिस कभी भी आ सकती है। एक दो जगहों पर पुलिसकर्मियों के सामने जुआरी बेधडक़ जुआ खेल रहे थे।
आखिर बीकानेर में ऐसा अधिकारी कब आयेगा कि इस तरह से शहर की सडक़ों पर जुआ खेलने वालों को रोका जा सकता है और एक सामाजिक बुराई को रोका जा सकता है।

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