बीकानेर: हादसे के बाद चेते, अब बसों में सुरक्षा की बेल्ट कसी, ये सिस्टम करना होगा अनिवार्य

बीकानेर: हादसे के बाद चेते, अब बसों में सुरक्षा की बेल्ट कसी, ये सिस्टम करना होगा अनिवार्य

बीकानेर: हादसे के बाद चेते, अब बसों में सुरक्षा की बेल्ट कसी, ये सिस्टम करना होगा अनिवार्य

बीकानेर। जैसलमेर से जोधपुर जा रही प्राइवेट बस में मंगलवार को लगी आग और दर्दनाक मौतों के बाद परिवहन विभाग की नींद खुली है। राजधानी जयपुर सहित कई जिलों में बुधवार को विशेष जांच और चालान अभियान चलाया गया। इसी क्रम में बीकानेर क्षेत्रीय परिवहन विभाग ने बस ऑपरेटर्स की आपात बैठक बुलाई। क्षेत्रीय प्रादेशिक परिवहन अधिकारी अनिल पंड्या की अध्यक्षता में हुई बैठक में कई निर्णय लिए गए। बैठक में तय हुआ कि यात्रा के दौरान किसी भी यात्री को धूम्रपान या माचिस का प्रयोग करने की अनुमति नहीं होगी। बसों में सीटों की जगह लगेज यार्ड नहीं बनाए जाएंगे। हर बस में अग्निशमन यंत्र, अलार्म सिस्टम और सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। साथ ही, हर बस में वाहन लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस अनिवार्य रूप से लगाया जाएगा। कोई भी बस विभागीय स्वीकृति के बिना अल्टर या मॉडिफाई नहीं की जा सकेगी। बसों में स्पीड गवर्नर अनिवार्य रूप से लगाए जाएंगे। लंबी दूरी की बसों में दो ड्राइवर रखना अनिवार्य होगा। हर बस में दो गेट और आपातकालीन निकास द्वार आवश्यक रहेंगे। बस बॉडी एआरएआई-एआईएस कोड के अनुरूप स्वीकृत मानकों से बनेगी। टूरिस्ट परमिट बसें अब स्टेज कैरिज (साधारण सवारी बस) के रूप में नहीं चलेंगी। बस के अंदर-बाहर ‘आपातकालीन द्वार’ का स्पष्ट अंकन आवश्यक रहेगा। केवल शुद्ध डीजल का उपयोग मान्य होगा। बायोडीजल या केमिकल मिश्रण पर रोक। हर बस की छत पर एग्जॉस्ट सिस्टम लगाना जरूरी होगा। कंडक्टर को आपातकाल में बस संचालन की जानकारी होनी चाहिए। धूम्रपान व माचिस पर पाबंदी, सीसीटीवी और ट्रैकिंग सिस्टम अनिवार्य

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