
2030 तक देश में हीटवेव यानी लू के दिनों की संख्या दोगुनी हो जाएगी और अत्यधिक बरसात की घटनाएं भी तेजी से बढ़ेगी





2030 तक देश में हीटवेव यानी लू के दिनों की संख्या दोगुनी हो जाएगी और अत्यधिक बरसात की घटनाएं भी तेजी से बढ़ेगी
भारत में ग्लोबल वार्मिंग और घटते वन क्षेत्र के चलते जलवायु परिवर्तन की रफ्तार खतरनाक होती जा रही है। हालिया रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि साल 2030 तक देश में हीटवेव यानी लू के दिनों की संख्या दोगुनी हो जाएगी और अत्यधिक बरसात की घटनाएं भी तेजी से बढ़ेगी। इसका सीधा असर लोगों के स्वास्थ्य, फसलों और प्राकृतिक संसाधनों पर पड़ेगा। आईपीई ग्लोबल और ईएसआरआई इंडिया की संयुक्त रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 43 प्रतिशत तक अत्यधिक वर्षा की घटनाओं में वृद्धि होने की संभावना है। राजस्थान, हरियाणा, मध्यप्रदेश और पंजाब उन राज्यों में हैं, जहां हीटवेव और भारी बरसात का असर सबसे ज्यादा दिखेगा। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि यह स्थिति आम लोगों के लिए गंभीर चुनौती बन सकती है।
फसलों पर संकट
विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले कुछ सालों में हीटवेव और बरसात का असर साफतौर पर देखा गया है। तेज गर्मी और असामान्य बरसात से फसलें नष्ट हुईं और किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा। गत दस वर्षों की तुलना में लगातार तापमान बढ़ता जा रहा है। राजस्थान के बहुत से शहरों का तापमान 50 डिग्री तक पहुंच रहा है। उधर, बरसात के आंकड़े भी लगातार बढ़ रहे हैं। इस साल भी औसत से कहीं ज्यादा बरसात दर्ज की गई।
बाजरे के साथ ग्वार में भी नुकसान
पिछले दिनों आई बारिश के कारण बाजरे की फसल में बड़े पैमाने पर नुकसान हो गया था। किसान शांति देवी कुड़ी, कोयली देवी, मंजू कुड़ी सहित अन्य ने जानकारी देते हुए बताया कि सरकार द्वारा बाजरे की खराब फसल का अभी तक कोई मुआवजा नहीं दिया

