
कलेक्टर मैडम एक बार बाहर निकलिए और बीकानेर की सड़कों के हाल देखिए यह अधिकारी आपकी एक भी नहीं सुन रहे





कलेक्टर मैडम एक बार बाहर निकलिए और बीकानेर के सड़कों के हाल देखिए यह अधिकारी आपकी एक भी नहीं सुन रहे
-खुलासा से कुशाल सिंह मेड़तिया की खास खबर
खुलासा न्यूज़, बीकानेर। दीपावली में बस एक सप्ताह बाकी है, लेकिन बीकानेर की सड़कें। कहीं खुदी हुई मिट्टी मिलती है, तो कहीं गड्ढों का साम्राज्य। प्रशासन के दावे सिर्फ फाइलों में चमक रहे हैं, जबकि शहर की गलियां धूल, जाम और हिचकोलों में कराह रही हैं। दीपोत्सव की जगमगाहट से पहले ही बीकानेर ‘दमघोंटू’ दीपावली की तरफ बढ़ रहा है। उधर, अफसरान हैं कि कान में तेल और आंखों पर पट्टी बांध कर बैठे हैं। केवल बंद कमरों में बैठकों के अलावा कुछ भी नहीं है। न जनप्रतिनिधि ध्यान दे रहे है और न ही बड़े अधिकारी। शहर के हालात तो ये हो गए है की एक तरफ टूटी सड़के, दूसरी तरफ जाम और फिर उड़ती मिट्टी ने हाल बेहाल कररखा है। केईएम रोड, सट्टा बाजार, कोटगेट, चौखूंटी ओवरब्रिज, जैसलमेर रोड, रानी बाजार, बड़ा बाजार हर जगह गाड़ियों की लंबी कतारें।
पुलिसकर्मी कुछ चुनिंदा चौक तक सीमित हैं, बाकी जगह आमजन खुद यातायात संभालने को मजबूर हैं। भीड़ में फंसे लोग कह रहे हैं त्योहार मनाएं कैसे, जब घर पहुंचना ही मुश्किल है। बीते दिन जिला कलेक्टर ने अधिकारीयों की बैठक ली और एक बार फिर निर्देश दे दिए। लेकिन उनको शहर में निकल कर निरक्षण कर हालात जानने चाहिए। क्योंकि शहर की सड़कों के हालात देख ऐसा लगता है की अधिकारी सुन ही नहीं रहे है। केवल बैठकें करने से कुछ भी नहीं होना है।
मंत्री जी दिल्ली में व्यस्त, शहर की कौन सुने
शहर के हालात ये है की जनप्रतिनिधि भी गौर करने वाला नहीं है। शायद केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल दिल्ली में व्यस्त रहते है। इसलिए शहर की समस्या के बारे में उनको पता ही नहीं है। वह तो आते है किसी न किसी कार्यक्रम में शामिल होकर वापस दिल्ली चले जाते है। शहर की समस्या पर मानों लंबे समय से कभी गौर किया ही नहीं है। सड़के टूटी है तो टूटी ही पड़ी है। दिवाली का त्यौहार है। आखिर त्योहारी सीजन में भी काम क्यों नहीं हुआ। मंत्री जी आपको अब शहर के बारे में सोचना चाहिए। शहर की समस्या के समाधान के लिए अधिकारीयों की बैठक लेकर निर्देश दे। ताकि दिवाली से पहले शहर की सड़के तो ठीक हो। इसके अलावा मंत्री सुमित गोदारा को भी शहर का निरीक्षण कर समस्याओं के समाधान को लेकर आगे आना चाहिए।

