
RBI की नई योजना: EMI नहीं चुकाने पर मोबाइल, टीवी और वॉशिंग मशीन दूर से ही हो जाएंगे लॉक





RBI की नई योजना: EMI नहीं चुकाने पर मोबाइल, टीवी और वॉशिंग मशीन दूर से ही हो जाएंगे लॉक
खुलासा न्यूज़। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) बैंकों और फाइनेंस कंपनियों के लिए एक नई व्यवस्था बनाने की तैयारी कर रहा है, जिसमें अगर उपभोक्ता EMI नहीं चुकाता है तो कर्ज पर खरीदे गए प्रोडक्ट और उनकी सेवाओं को दूर से बंद किया जा सकेगा। इसका उद्देश्य छोटे उपभोक्ता लोन की वसूली को आसान बनाना है।
फाइनेंस एक्सपर्ट आदिल शेट्टी के अनुसार, यह सिस्टम मुख्य रूप से मोबाइल, स्मार्ट टीवी, लैपटॉप, वॉशिंग मशीन जैसे कोलेटरल-फ्री प्रोडक्ट्स पर लागू होगा। EMI न चुकाने पर प्रोडक्ट लॉक करने के लिए पहले से ही सॉफ्टवेयर या एप इंस्टॉल किया जाएगा।
1. यहां कैसे लागू किया जाएगा?
RBI जिस व्यवस्था पर विचार कर रहा है, वह मुख्य रूप से छोटे उपभोक्ता लोन (जैसे मोबाइल, स्मार्ट टीवी, वॉशिंग मशीन, इलेक्ट्रॉनिक्स) पर लागू होगी। EMI पर खरीदे प्रोडक्ट में पहले से एप या सॉफ्टवेयर डालेंगे। ग्राहक किस्त नहीं चुकाता, तो उस सॉफ्टवेयर से वह प्रोडक्ट दूर से ही लॉक कर दिया जाएगा।
2. क्या निजी डेटा को खतरा है?
नया नियम यह सुनिश्चित करेगा कि ग्राहक की पूर्व सहमति ली जाए और फोन लॉक होने पर भी उसका निजी डेटा सुरक्षित रहे। यानी यहां ‘सेवाएं बंद’ करने का मतलब है कि फोन (या डिवाइस) इस्तेमाल योग्य न रहे, जब तक बकाया चुकता न हो। यदि इन्हें लॉक करने की अनुमति बैंकों को दे दी जाती है तो उन्हें लाखों लोगों के डेटा का एक्सेस मिल जाएगा। ये डेटा वहां से लीक हो सकते हैं। इससे ब्लैकमेलिंग और फिरौती की घटनाएं बढ़ सकती हैं। RBI और बैंकों को इस पहलू पर गौर करना पड़ेगा।
3. क्या हर प्रोडक्ट में संभव है?
मोबाइल, टैबलेट, लैपटॉप, स्मार्ट टीवी आदि में यह आसानी से संभव है, क्योंकि इनका सॉफ्टवेयर दूर से नियंत्रित किया जा सकता है। वाहन (कार/बाइक) में कई देशों में पहले
से ऐसा सिस्टम है, जिससे EMI न भरने पर गाड़ी स्टार्ट नहीं होती। घरेलू उपकरण (फ्रिज, वॉशिंग मशीन आदि) में यह संभव है, लेकिन भारत जैसे बाजार में अभी कम है। गैर-डिजिटल वस्तुओं (जैसे फर्नीचर, साधारण बाइक में यह उपाय नहीं चलता है। ऐसे में पारंपरिक रिकवरी एजेंट लीगल एक्शन रास्ता होता है।
4. कौन-से देश क्या कर रहे हैं?
अमेरिकाः कार लोन में ‘किल स्विच’ तकनीक का इस्तेमाल होता है। EMI न चुकाने पर कर्जदाता कार को दूर से ही बंद कर सकता है।
कनाडाः कंपनियां ‘स्टार्टर इंटरप्ट डिवाइस’ लगाती हैं, जो भुगतान न करने पर कार चालू नहीं होने देता।
अफ्रीका (केन्या, नाइजीरिया आदि): यहां ‘पे-एज-यू-गो’ सोलर सिस्टम आम है। EMI न भरने पर कंपनी रिमोटली सोलर पैनल या बैटरी को बंद कर देती है। जैसे ही किस्त भर दी जाती है। सिस्टम चालू हो जाता है।
5. इससे क्या फायदा-नुकसान?
फायदा: डिफॉल्ट केस घाट जाते हैं। कर्जदाताओं का भरोसा बढ़ता है और कमजोर क्रेडिट वाले लोगों को भी प्रोडक्ट खरीदने का मौका मिलता है।
नुकसान: उपभोक्ता अधिकार पर खतरा, जरूरत की सेवाएं (फोन/कार) बंद होने से रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य पर असर।
एक-तिहाई के ज्यादा लोग इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स EMI पर खरीदते हैं
देश में छोटे कर्ज का हिस्सा लगातार बड़ रहा है। होम क्रेडिट फाइनेंस की 2024 की स्टडी कहती है कि एक-तिहाई से अधिक उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, जैसे मोबाइल फोन, EMI पर खरीदे जाते हैं। देश में 1.16 अरब से ज्यादा मोबाइल कनेक्शन हैं। CRIF हाईमार्क के अनुसार, 1 लाख रु. से कम के लोन में डिफॉल्ट दर सबसे अधिक है। यह स्थिति सुधर सकती है।

