
बीकानेर: नगर निगम के वाहनों में लगेगा ये सिस्टम, ऐसे होगी निगरानी




बीकानेर: नगर निगम के वाहनों में लगेगा ये सिस्टम, ऐसे होगी निगरानी
बीकानेर। नगर निगम के करीब 225 वाहनों में व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम (वीटीएस) लगेगा। कुछ वाहनों में लगना भी शुरू हो गया। वो वाहन कितने बजे, कहां से निकला, किस रास्ते गया, कौन ड्राइवर, कितनी देर कहां रुका। दिनभर में क्या काम किया और कितना डीजल पेट्रोल खर्च किया। ये रिपोर्ट रोज की रोज तैयार होकर अपलोड होगी। कोई अधिकारी किसी भी दिन इसे चेक कर सकता है। निगम ने 55 लाख रुपए से दो साल के लिए एक व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम का टेंडर कर दिया है। जो अगले महीने से काम करना शुरू कर देगा। इस सिस्टम को कंट्रोल करने के लिए एक कमांड आफिस बनेगा। दिल्ली की फर्म ने इस काम को हाथ में लिया है। वर्कआर्ड जारी होने के बाद ही वो फर्म सबसे पहले वाहनों में वीटीएस ट्रैकिंग सिस्टम लगाएगी। फिर हर वाहन को अपने सॉफ्टवेयर से जोड़ेगी। उसके बाद भले वो कमिश्नर की गाड़ी हो या मेयर की। टिपर हो या जेसीबी। गली-गली कचरा उठाने वाले ट्रैक्टर ही क्यों ना हों।
कौन सा वाहन कब कितने बजे कहां गया। इसका एक एक सेकंड और एक एक मीटर का हिसाब होगा कि वो कितना चला। उस पर दिनभर में कितना डीजल-पेट्रोल खर्च हुई। ड्राइवर कौन है। कौन सा टिपर किस वार्ड की किस गली में कितने बजे पहुंचा उसका भी रोज का रोज हिसाब होगा। शिकायतें भी जो कंट्रोल रूम में आएंगी वो इसी कमांड सेंटर पर फारवर्ड होंगी और कचरा उठाने वाली शिकायतों को खत्म किया जाएगा। कचरे का भी हिसाब होगा कि कौन से टिपर या ट्रैक्टर में कितना कचरा जा रहा है। उसका वजन भी इसी सिस्टम से कराने की कोशिश होगी। अभी टिपर और ट्रैक्टर कचरा उठाते हैं। टिपर घरों से और ट्रैक्टर बाजार और मोहल्लों में एकत्र होने वाले कचरा को उठाते हैं। टिपर और ट्रैक्टर दोनों का टेंडर है मगर इन्हें वेरिफाई करने का अधिकार इंस्पेक्टर्स के पास है। ट्रैक्टर के काम में जमकर घपला हो रहा है। ना तो टेंडर शर्तों के मुताबिक उस पर लेबर रहती है ना ही नियमित कचरा उठता है मगर इंस्पेक्टर्स उसे वेरिफाई करते हैं इसलिए उनका भुगतान होता है।

