
बीकानेर: नगर निगम की लापरवाही से जनता हो रही परेशान, एक करोड़ की मशीन बंद





बीकानेर: नगर निगम की लापरवाही से जनता हो रही परेशान, एक करोड़ की मशीन बंद
बीकानेर। नगर निगम ने करीब एक साल पहले आरसीपी कॉलोनी के सामने स्थित कल्याण भूमि प्रन्यास परिसर में आधुनिक इलेक्ट्रिक और गैस आधारित शवदाह मशीन स्थापित की थी। लगभग एक करोड़ रुपए से अधिक खर्च कर लाई गई इस मशीन से अंतिम संस्कार प्रक्रिया आसान, पर्यावरण के अनुकूल और कम समय में संपन्न करने का उद्देश्य था। लेकिन आज यह मशीन निगम की लापरवाही की भेंट चढ़ चुकी है।
कारण सिर्फ इतना कि नौ महीने से निगम ने मशीन के संचालन के लिए आवश्यक एलपीजी सिलेंडर उपलब्ध नहीं करवाए। नतीजा यह हुआ कि लोग मजबूरी में फिर से लकड़ियों पर शवों का दाह संस्कार कर रहे हैं। रोजाना औसतन पांच अंतिम संस्कार इसी परिसर में होते हैं। कई लोग अपने परिजनों का संस्कार आधुनिक मशीन से करना चाहते हैं, लेकिन उन्हें निराशा झेलनी पड़ रही है। इस बीच, आठ लावारिस शवों का दाह संस्कार भी हाल ही में यहां लकड़ी से ही करना पड़ा। सवाल उठता है कि जब सुविधा जनता के लिए है, तो फिर इसे चालू रखने में नगर निगम क्यों नाकाम है?
कल्याण भूमि प्रन्यास परिसर में स्थापित इलेक्ट्रिक व गैस शवदाह मशीन बीकानेर शहर के लिए बड़ी पहल थी। मशीन संचालन के लिए निगम ने एक साथ करीब दस गैस सिलेंडर रखवाए थे। लेकिन इन्हें भरवाने की जिम्मेदारी आज तक पूरी नहीं की गई। एक शव के दाह संस्कार में महज दो से ढाई सिलेंडर लगते हैं। फिर भी निगम प्रशासन ने इतने साधारण प्रबंध पर ध्यान नहीं दिया। इतना ही नहीं निगम ने मशीन संचालन के लिए बिजली का कनेक्शन अपने नाम लिया, लेकिन उसका बिल तक नियमित नहीं भरा। नौ महीने पहले करीब 24 हजार रुपए का बकाया बिल निगम की लापरवाही का सबूत है। बिजली कटने की आशंका के बावजूद निगम ने इसे प्राथमिकता नहीं माना
सूत्र बताते हैं कि मशीन खरीदी जरूर गई, लेकिन निगम प्रशासन ने इसके संचालन और रखरखाव की ठोस योजना कभी नहीं बनाई। एलपीजी सप्लाई के लिए कोई स्थायी व्यवस्था नहीं की गई। कल्याण भूमि प्रन्यास पदाधिकारियों ने कई बार निगम आयुक्त को पत्र लिखकर अवगत कराया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इतना ही नहीं, गुपचुप तरीके से निगम के कुछ अधिकारी इसे अनावश्यक खर्च बताकर अनदेखी करते रहे। नतीजा यह कि जनता की सुविधा ठप पड़ गई।

