
अचानक ऐसा क्या हुआ कि कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेट्स को गिरा दिया, पुलिस जवानों ने संभाला मोर्चा





अचानक ऐसा क्या हुआ कि कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेट्स को गिरा दिया, पुलिस जवानों ने संभाला मोर्चा
बीकानेर। बीकानेर में गोचर ओरण संरक्षण को लेकर शुक्रवार को कलेक्टे्रट पर धरना प्रदर्शन किया। सभी आमजन की एक ही राय की किसी तरह से गोचर को बचाया जाये जिससे गो संरक्षण रहेगा। इन सभी को लेकर साधु-संतों के सानिध्य में गोचर-ओरण संरक्षक संघ राजस्थान के आह्वान पर गोचर व ओरण को बचाने को लेकर कलेक्ट्रेट पर विशाल धरना-प्रदर्शन किया गया। इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में गो-प्रेमी, पर्यावरण प्रेमियों के साथ-साथ आमजन भी पहुंचे। कलेक्ट्रेट परिसर में धरने पर साधु-संत सहित संघ के पदाधिकारी मौजूद रहें, जिन्होंने धरने को संबोधित किया। उसके बाद कलेक्टर को ज्ञापन देने के लिए मौजिज लोगों के साथ बड़ी संख्या में लोगों ने कलेक्ट्रेट को घेर लिया। इस दौरान गोचर-ओरण बचाने को लेकर खूब नारेबाजी हुई। देखते ही देखते प्रदर्शनकारी उग्र हो गए, जिन्होंने बैरिकेट्स गिरा दिए। मौके पर मौजूद बड़ी संख्या में पुलिस जवानों ने मोर्चा संभाला। एसडीशन एसपी सौरभ तिवाड़ी प्रदर्शनकारियों से शांत बनाए रखने की अपील करते हुए नजर आए।
प्रतिनिधि मंडल में शामिल साधु-संत व संघ के पदाधिकारी ज्ञापन लेकर कलेक्टर से मिलने गए। कलेक्टर से वार्ता कर गोचर-ओरण को बचाने की मांग की। जिस पर कलेक्टर ने जांच करवाने का आश्वासन दिया। धरना स्थल पर पूर्व मंत्री देवीसिंह भाटी ने ऑडियो मैसेज के जरिए अपना संदेश दिया और कहा कि गोचर-ओरण हमारे पशु-पक्षियों के लिए है, जिसको हमारे पूर्वजों ने छोड़ा है, अगर इसको अधिग्रहण करने का प्रयास हो रहा है तो बेहद ही निदंनीय है। भाटी ने कहा कि बीकानेर के चारों तरफ हजारों बीघा में गोचर है, अगर इसको अवाप्त कर लिया तो यह गायों पर भारी संकट वाला कदम होगा, ऐसे में इस गोचर-ओरण बचाने के लिए हमें आगे आना होगा और सडक़ों पर संघर्ष करना होगा।
वहीं, पूर्व मंत्री डॉ. बी.डी.कल्ला भी धरना-स्थल पर पहुंचे। उन्होंने कहा में 24 साल तक जनता के आशीर्वाद से सरकार में रहा, लेकिन कभी गोचर पर आंच नहीं आने दी। डॉ. कल्ला ने कहा कि रियासतकाल में पूर्वजों व भामाशाहों ने अपने पैसों से खरीद कर गोचर-ओरण का संरक्षण किया था, जिसको लेकर यह गोचर-ओरण चांद-सूरज रहेंगे तब तक रहनी चाहिए। लेकिन वर्तमान की सरकार गोचर पर कब्जा करने का प्रयास कर रही है, यह हमारी संस्कृति में गाय माता पर प्रहार करने वाला कदम होगा।

