बीकानेर: इतने बीघा जमीन के नामांतरण में फर्जीवाड़ा, ऐसे जांच में आया मामला सामने

बीकानेर: इतने बीघा जमीन के नामांतरण में फर्जीवाड़ा, ऐसे जांच में आया मामला सामने

बीकानेर: इतने बीघा जमीन के नामांतरण में फर्जीवाड़ा, ऐसे जांच में आया मामला सामने

बीकानेर। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने 100 बीघा जमीन के नामांतरण में फर्जीवाड़ा करने के मामले में जिला कलेक्टर (भूअ) कार्यालय के तत्कालीन पटवारी सहित 95 साल की महिला और उसके तीन पुत्रों को दोषी माना है। इस मामले में पूगल के तत्कालीन तहसीलदार की मृत्यु हो गई और तत्कालीन भू अभिलेख निरीक्षक अमरपुरा रघुवीरसिंह, भागीरथ शेखावत व धूड़ाराम के खिलाफ आरोप प्रमाणित नहीं माने गए। हनुमानगढ़ में मटोरियावाली निवासी परिवादी शंकरलाल ने 21 सितंबर, 92 में पूगल के भानीपुरा में अपने तीन पुत्रों और भतीजे के नाम से 100 बीघा कृषि भूमि खरीदी थी। ये जमीन आसूसिंह वगैरह के नाम से रिकॉर्ड में दर्ज थी। जमीन का नामांतरण कराने के लिए 21 फरवरी-08 को पूगल तहसीलदार के समक्ष प्रार्थना-पत्र पेश किया। लेकिन, 17 जनवरी-21 को आसूसिंह का निधन हो गया और बाद में सरकारी अधिकारियों ने मिलीभगत से जमीन का नामांतरण वारिसों के नाम कर दिया।

एसीबी ने मामले की जांच की तो सामने आया कि परिवादी शंकरलाल ने अपने पुत्र जगदीश, रामसिंह व पवन कुमार तथा भतीजे सुग्रीव के नाम भानीपुरा में आसूसिंह की 100 बीघा जमीन ली। जिसके नामांतरण के आदेश तहसीलदार ने हल्का पटवारी भानीपुरा मालचंद सारस्वत को दिए। मालचंद ने 193.09 बीघा जमीन का आसूसिंह के वारिस लाभार्थी गोपाल कंवर, भंवरसिंह करणीसिंह, मोहनसिंह, जमू कंवर, छोर कंवर, चन्द्र कंवर, गीता कंवर, उगम कंवर, मूल कंवर, सदू कंवर के नाम नामांतरण कर दिया। रिलीज डीड का नामांतरण गोपाल कंवर, भंवरसिंह, करणीसिंह, मोहनसिंह के नाम दर्ज किया गया। इसमें पटवारी और लाभार्थियों की मिलीभगत और आपराधिक साजिश रही। एसीबी ने आरोपियों को दोषी माना है और कोर्ट में चालान पेश कर दिया।

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