
राजस्थान के पुलिस महकमे में बड़ा बदलाव सामने आया है। पुलिस थानों से एफआईआर और चार्जशीट कोर्ट में डायरेक्ट ऑनलाइन माध्यम से पहुंचेगी, बीकानेर के इस थाने को मिली जिम्मेदारी





राजस्थान के पुलिस महकमे में बड़ा बदलाव सामने आया है। पुलिस थानों से एफआईआर और चार्जशीट कोर्ट में डायरेक्ट ऑनलाइन माध्यम से पहुंचेगी, बीकानेर के इस थाने को मिली जिम्मेदारी
बीकानेर। पुलिस महकमा अब न्यायालयी कार्यों में भी डिजिटल कदम बढ़ा रहा है। एफआईआर और शिकायतें ऑनलाइन दर्ज करने के बाद अब न्यायालय को भेजे जाने वाले आरोप-पत्र और एफआईआर भी सीआईएस (केस इंफॉर्मेशन सिस्टम) एप्लीकेशन के जरिए भेजी जाएंगी। इस पायलट प्रोजेक्ट के तहत प्रदेश के 41 जिलों के 52 थाने और अजमेर व जोधपुर जीआरपी थाने चयनित किए गए हैं। बीकानेर जिले का नोखा थाना इस प्रोजेक्ट में शामिल है।
इन थानों को मिली जिम्मेदारी
अजमेर का नसीराबाद, अलवर से लक्ष्मणगढ़, अनूपगढ़, बालोतरा, बांसवाड़ा, कोतवाली बारां, कोतवाली बाड़मेर, जैतारण, मथुरागेट भरतपुर, सुभाषनगर भीलवाड़ा, भिवाड़ी का तिजारा, बीकानेर से नोखा, बूंदी से हिंडौली, चितौडग़ढ़ से निम्बाहेड़ा, चूरू का सरदारशहर, दौसा का कोतवाली, डीग का पहरी, धोलपुर कोतवाली, डीडवाला-कुमाचन का कुचामन सिटी, डूंगरपुर का कोतवाली, गंगानगर का सादुलशहर, हनुमानगढ़ का गोगामेड़ी, जयपुर वेस्ट का विश्वकर्मा, जयपुर सिटी ईस्ट का मालवीय नगर, जयपुर सिटी नॉर्थ का विद्याधरनगर, जयपुर सिटी साउथ का मुहाना, जयपुर रूरल का शाहपुरा थाना इस प्रोजेक्ट में शामिल हैं।
इन थानों की रिपोर्ट भी सीधा जाएगी कोर्ट
इसके अलावा जैसलमेर, जालौर का भीनमाल, झालावाड़ कोतवाली, झुंझुनूं गुढ़ा, जोधपुर सिटी ईस्ट का महा मंदिर, जोधपुर सिटी वेस्ट का लूणी, जोधपुर रूरल का खेड़ापा, करौली, खैरथल-तिजारा का खैरथल, कोटा सिटी का उद्योगनगर, कोटा रूरल का इटावा, कोटपूतली बेहरोड़, नागौर कोतवाली, कोतवाली पाली, फलौदी, प्रतापगढ़, राजसमंद का खमनौर, सलूम्बर, सांचौर, सवाई माधोपुर का बोनली, सीकर सदर, सिरोही का आबू रोड सदर, टोंक का घर, उदयपुर के प्रतापनगर थाने सहित अजमेर व जोधपुर जीआरपी थाने का चयन किया गया है।
नए सिस्टम के फायदे
समय की बचत : दस्तावेज तुरंत अदालत तक पहुंचेंगे।
कागजी काम कम होगा : दस्तावेजी साक्ष्यों की जरूरत घटेगी।
ई-गवर्नेंस को बढ़ावा : डिजिटल इंडिया पहल को मजबूती मिलेगी।
न्याय प्रक्रिया में तेजी : पुलिस और अदालत के बीच समन्वय आसान होगा।


