
बीकानेर में पिछले 3 साल से रोजाना एक शख्स कर रहा आत्महत्या, अबतक 1750 लोगों ने किया सुसाइड





बीकानेर में पिछले 3 साल से रोजाना एक शख्स कर रहा आत्महत्या, अबतक 1750 लोगों ने किया सुसाइड
खुलासा न्यूज़, बीकानेर।{ डिगेश्वर सेन } शारीरिक स्वास्थ्य की तरह मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल भी बेहद जरूरी है, लेकिन इसकी अनदेखी खतरनाक साबित हो रही है। चिंता और अवसाद अब आम होते जा रहे हैं और समय रहते इलाज नहीं मिलने पर यह समस्या गंभीर अवसाद का रूप ले लेती है, जिससे पीड़ित आत्महत्या जैसे कदम उठाने पर मजबूर हो जाते हैं।
पिछले तीन सालों में बीकानेर जिले में 1750 से ज्यादा लोग आत्महत्या कर चुके हैं। यानी औसतन हर दिन एक व्यक्ति अपनी जान दे रहा है। इन घटनाओं में कई सामूहिक आत्महत्याएं भी शामिल हैं, जिन्होंने जिले को झकझोर कर रख दिया है।
आत्महत्या के आंकड़े
वर्ष 2022 में 417, 2023 में 459 और 2024 में 449 लोगों ने आत्महत्या की है. इस साल भी मार्च तक 101 लोग आत्महत्या कर चुके हैं
सामाधान सेंटर सिर्फ कागजों तक
14 दिसंबर 2023 को अंत्योदय नगर में हनुमान सोनी परिवार के पांच सदस्यों की सामूहिक आत्महत्या के बाद बीकानेर पुलिस रेंज ने आत्महत्या रोकथाम संसाधन केंद्र की स्थापना की थी और हेल्पलाइन नंबर 9530414841 जारी किया था। लेकिन यह पहल कागजों तक ही सीमित रह गई। अकेले व्यास कॉलोनी थाना क्षेत्र में ही पिछले एक साल में 100 से अधिक आत्महत्या के मामले सामने आए।
आत्महत्या के प्रमुख कारण
आर्थिक कारण 1.8%, विवाह संबंधी समस्याएं 5.1%, पारिवारिक समस्याएं 21.7%, बीमारी 18% ,प्रेम संबंध 3.2%, परीक्षा में असफलता 1.8% ,नशाखोरी 2.8% अन्य कारण 33.2%,अज्ञात कारण 12.4% ये मुख्य कारण हैं जिनके कारण लोग अपनी जान ले लेते हैं.
विशेषज्ञों की राय
पीबीएम अस्पताल, बीकानेर के मनोरोग विभाग प्रमुख डॉ. हरफूल बिश्नोई का कहना है कि आत्महत्या की घटनाओं को रोकने में दोस्त, परिवार और सहकर्मी बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। काउंसलिंग, भावनात्मक सहयोग और समय पर चिकित्सकीय परामर्श से लोगों को मानसिक रूप से मजबूत किया जा सकता है।
भारत में आत्महत्या की स्थिति
वर्ष 2022 में देशभर में 1.71 लाख लोगों ने आत्महत्या की। यह संख्या 2021 की तुलना में 4.2% और 2018 की तुलना में 27% ज्यादा रही। 2024 में प्रति एक लाख लोगों पर 12.4 आत्महत्या का औसत रहा, जो अब तक का सबसे अधिक है। पूरी दुनिया में हर साल 8 लाख लोग आत्महत्या करते हैं, जिनमें से 1.64 लाख मामले भारत के हैं।


