
भजनलाल कैबिनेट की अहम बैठक आज, पंचायत चुनाव सहित इन मुद्दों पर हो सकती है चर्चा





भजनलाल कैबिनेट की अहम बैठक आज, पंचायत चुनाव सहित इन मुद्दों पर हो सकती है चर्चा
खुलासा न्यूज़। राजस्थान में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व वाली सरकार की कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक आज, 23 अगस्त 2025 को दोपहर 2 बजे मुख्यमंत्री कार्यालय में आयोजित होने जा रही है। इस बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है, जिनमें आगामी विधानसभा सत्र, पंचायतीराज और शहरी निकाय चुनाव, प्रवर समिति को भेजे गए विधेयक और मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलों पर विचार-विमर्श शामिल है। हालांकि, मंत्रिमंडल विस्तार जैसे मुद्दों पर कैबिनेट में औपचारिक चर्चा या निर्णय की संभावना कम है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में इसे लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं।
आगामी विधानसभा सत्र पर होगी चर्चा
दरअसल, आगामी विधानसभा सत्र 1 सितंबर 2025 से शुरू होने वाला है, इस बैठक का प्रमुख एजेंडा हो सकता है। माना जा रहा है कि इस सत्र के दौरान पेश किए जाने वाले विधेयकों पर कैबिनेट अपनी मुहर लगा सकती है। सूत्रों के अनुसार, सरकार कई महत्वपूर्ण विधेयकों को विधानसभा में लाने की तैयारी में है, जिनमें कुछ प्रवर समिति को भेजे गए हैं। इन विधेयकों पर मंत्रियों के बीच विचार-विमर्श कर अंतिम रूप देने की कोशिश की जाएगी। इसके अलावा, सत्र के दौरान विधानसभा की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने के लिए रणनीति पर भी चर्चा हो सकती है।
मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें
राजनीतिक हलकों में इस बैठक को मंत्रिमंडल विस्तार से जोड़कर देखा जा रहा है। पिछले कुछ समय से भजनलाल सरकार में मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाएं तेज हैं। कई विधायकों और पार्टी नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल करने की संभावना जताई जा रही है। हालांकि, कैबिनेट बैठक में इस तरह के मुद्दों पर औपचारिक रूप से चर्चा नहीं होती, लेकिन माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री और वरिष्ठ नेता इस विषय पर अनौपचारिक बातचीत कर सकते हैं। मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर पार्टी के भीतर और बाहर कई समीकरणों पर विचार किया जा रहा है, जिसमें क्षेत्रीय और सामाजिक संतुलन को बनाए रखना भी शामिल है।
पंचायतीराज चुनाव पर तकरार
बताते चलें कि पंचायतीराज और शहरी निकाय चुनाव भी इस बैठक में चर्चा का एक प्रमुख मुद्दा हो सकते हैं। इस मामले में राज्य सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग के बीच तकरार सामने आई हैं। जहां एक ओर राज्य निर्वाचन आयोग हाईकोर्ट के निर्देशों का हवाला देते हुए जल्द से जल्द इन चुनावों को कराने की बात कह रहा है, वहीं सरकार इस मामले में टालमटोल की नीति अपनाए हुए है। शहरी विकास और आवास मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने हाल ही में स्पष्ट किया था कि सरकार ‘वन स्टेट, वन इलेक्शन’ की अवधारणा के तहत इन चुनावों को आयोजित करने के पक्ष में है। इसके लिए एक विशेष समिति भी गठित की गई है, जो इस दिशा में काम कर रही है।
निर्वाचन आयोग और सरकार के बीच इस मुद्दे पर तनातनी बढ़ती जा रही है। आयोग का कहना है कि हाईकोर्ट के आदेशों के अनुपालन में पंचायत और शहरी निकाय चुनावों को जल्द से जल्द कराया जाना चाहिए, जबकि सरकार का रुख इस मामले में भिन्न है। सरकार का मानना है कि एक साथ चुनाव कराने से समय और संसाधनों की बचत होगी। इस मुद्दे पर कैबिनेट में गहन विचार-विमर्श होने की संभावना है, क्योंकि इसका असर राज्य की राजनीतिक और प्रशासनिक व्यवस्था पर पड़ सकता है।

