
बीकानेर: आर्मी दौड़ में चक्कर आकर गिरा युवक, इलाज के दौरान तोडा दम





बीकानेर: आर्मी दौड़ में चक्कर आकर गिरा युवक, इलाज के दौरान तोडा दम
खुलासा न्यूज़। आर्मी भर्ती रेस में दौड़ रहा एक युवक अचेत होकर गिर गया, फिर अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। युवक बीकानेर के श्रीडूंगरगढ़ का रहने वाला था। घटना गुरुवार की है और शुक्रवार सुबह युवक की इलाज के दौरान मौत हो गई।
श्रीडूंगरगढ़ के कल्याणसर नया गांव में रहने वाला 22 वर्षीय युवक मुन्नीराम आर्मी दौड़ में शामिल होने के लिए जोधपुर गया था। जहां से शुक्रवार शाम को उसका शव ही लौट कर घर आया। मुन्नीराम पुत्र मालूराम गोदारा बीकानेर शहर में रहकर रोजगार के लिए तैयारी कर रहा था। वो कॉम्पिटिशन एग्जाम में सफल होना चाहता था। इस बीच उसे जोधपुर में सेना भर्ती का पता चला तो वो बीकानेर से ही 20 अगस्त को जोधपुर गया। 21 अगस्त की सुबह बीएसएफ एरिया में आयोजित दौड़ में शामिल हुआ। उसके परिजनों का कहना है कि दौड़ के दौरान फिनिशिंग लाइन से पहले गिर पड़ा और खड़ा होकर फिर से: दौड़ पड़ा। लाइन पार करते ही वह फिर गिर पड़ा और बेहोश हो गया।
आर्मी जवानों ने उसे बीएसएफ अस्पताल ले जाया गया। जहां तबीयत नहीं सुधरने पर उसे मथुरादास माथुर राजकीय अस्पताल में भर्ती करवाया गया। शुक्रवार सुबह उसकी मौत हो गई। बयान लेने गई पुलिस को ये कहते हुए लौटा दिया गया कि मुन्नीराम बयान देने की स्थिति में नहीं है। शुक्रवार तड़के चार बजे उसकी मौत हो गई। मंडोर थाने के कांस्टेबल श्रीकृष्ण ने बताया कि सुबह करीब चार बजे उसकी मौत हुई।
युवक के चचेरे भाई रामनिवास गोदारा सहित परिजन मौके पर पहुंचे। मुन्नीराम ने 22 अगस्त तड़के दम तोड़ दिया। रामनिवास ने बताया कि मुन्नीराम की सीटी स्कैन, सोनोग्राफी करवाई गई पर उसमें कुछ नहीं आया। उसके शरीर पर कोई चोट के निशान भी नहीं थे।
परिजनों ने शव का पोस्टमार्टम करवाया है ताकि मौत का कारण स्पष्ट हो सके। रामनिवास ने बताया कि परिजनों को भी पीएम रिपोर्ट का इंतजार है। वहीं डॉक्टरों ने कार्डियो अटैक का अंदेशा जताया गया। मृतक का शव लेकर परिजन शुक्रवार शाम को गांव पहुंचे व गांव में उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया।
दरअसल, नौकरी के लिए कॉम्पिटिशन की तैयारी कर रहा मुन्नीराम कभी कभार ही गांव आता था। वो बीकानेर के ही कोचिंग संस्थाओं में पढ़ रहा था। कोई भी कॉम्पिटिशन आता है, उसमें बैठता है। अब तक सफलता नहीं मिलने से निराश था लेकिन तैयारी चल रही थी। सेना की भर्ती में भी उसने रुचि ली और जोधपुर चला गया। विधवा माँ और बड़े भाई दोनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

