
लॉकडाउन कोरोना के असर से संकट में होटल उद्योग





बीकानेर। कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन का असर भले ही मौजूदा हालात में आमजन पर पड़ रहा है, लेकिन पर्यटन व होटल व्यवसायी अपने व्यवसाय के भविष्य को लेकर चिंतित हैं। इस व्यवसाय को उभरने में अब छह महीने से अधिक का समय लग सकता है। इससे जिले के होटल कारोबारियों को होटल के खर्चों,बिजली और कर्मचारियों को वेतन देने की चिंता सता रही है। शादी समारोह से लेकर कॉन्फ्रेंस सहित अन्य निजी कार्यक्रम रद्द हो चुके हैं।
50 प्रतिशत बुकिंग हमेशा रहती थी
पर्यटन की दृष्टि से बीकानेर में हर महीने बड़ी तादाद में सैलानी पहुंचते है। लेकिन बीते 60 दिन में होटल व्यवसाय भी जमीन पर आ गए हैं। व्यापारियों की मानें तो अब उन्हें इससे उबरने में छह महीने से ज्यादा का वक्त लगेगा। वहीं हमेशा 50 प्रतिशत बुकिंग सभी होटल्स में रहती थी, वह सब रद्द हो चुकी है। आगामी बुकिंग का कुछ पता नहीं है। इंडस्ट्री से जुड़े जानकारों का कहना है कि लॉकडाउन से हर महीने 150 करोड़ रुपए के टर्नओवर का नुकसान हो रहा है।
100 से ज्यादा होटल
होटल एसोसिएशन बीकानेर के सचिव प्रकाश चन्द्र ओझा ने बताया कि जिले में 100 से ज्यादा फाइव,फोर,थ्री स्टार और बजट क्लास होटल्स हैं। एक छोटे होटल में जहां 25 से ज्यादा और बड़ी होटल में जहां 200 से ज्यादा कर्मचारी शिफ्ट वाइज काम करते हैं। इन्हें नौकरी से निकालते हैं तो बेरोजगारी बढ़ेगी। डॉ ओझा बताते है कि होटलों के सामने अब कर्मचारियों को वेतन देने सहित अन्य खर्चों को चुना पाना भी भारी पड़ रहा है।
अन्य व्यवसाय को छूट तो हमें क्यों नहीं
होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष सलीम सोढ़ा ने कहा कि होटलों को उद्योग का दर्जा प्राप्त है लेकिन अन्य उद्योगों की तरह मिलने वाले छूट के लाभ से वंचित है। पान, बीड़ी, जर्दा की बिक्री शुरु हो गई लेकिन होटलों को अभी तक वंचित क्यों रखा है। सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए। सोढ़ा ने बताया कि जिला स्तर पर होटल व्यवसायियों ने अपने होटलों को क्वारेन्टाइन सेन्टर बनाएं। उनके अभी तक भुगतान हुआ। रही सही कसर अब बिजली के कनेक्शन तक काटे जाने की नौबत आ गई।
उर्जा मंत्री से मिले होटल व्यवसायी
उधर होटल एसोसियेशन बीकानेर के सचिव डॉ प्रकाश चन्द्र ओझा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल ऊर्जा मंत्री बी. डी. कल्ला से मिला तथा कोविड .19 से उपजे हालात के बाद होटल उद्योग की समस्याओं को लेकर गम्भीरता से विचार विमर्श किया और बताया कि बिजली कम्पनियों द्वारा बिलों में फेक्टर चार्ज, फ्यूल चार्ज तथा स्थायी चार्ज एवं अन्तिम तिथि को स्थगन कराने हेतु तथा पेनेल्टी भुगतान से बचाने के लिए मजबूती से अपनी बात रखी। क्वारेंटाईन हेतु अधिग्रहीत होटलों के भुगतान की व्यवस्था हेतु स्थानीय प्रशासन को निर्देश देने हेतु राज्य सरकार से आग्रह करने हेतु निवेदन किया। प्रतिनिधी मंडल में सचिव डॉ. प्रकाश चन्द्र ओझा, द्वारका प्रसाद पचीसिया,अजय मिश्रा,अयूब सोढ़ा,सुभाष मित्तल,मोहन लाल चांडक,राजेश चाण्डक तथा सावन पारीक उपस्थित थे ।

