
बीकानेर: इतने साल बाद भी संदिग्ध है ये पट्टे, बड़ा एक्शन लेने की तैयारी में बीडीए





बीकानेर: इतने साल बाद भी संदिग्ध है ये पट्टे, बड़ा एक्शन लेने की तैयारी में बीडीए
बीकानेर। 2012-13 में 15 हजार से ज्यादा बने पट्टे 12 साल बाद भी संदिग्ध ही माने जा रहे हैं। इसीलिए बीकानेर विकास प्राधिकरण के पास जो व्यक्ति ये पट्टे लेकर किसी काम से या बनवाने पहुंच रहा है बीडीए तत्काल ऐसे पट्टों की गहनता से जांच में जुट जाता है। खबर है कि 2013 वाले पट्टों पर बड़ा एक्शन लेने की तैयारी में है बीडीए। दरअसल कुछ दिन पहले रानीबाजार की एक चर्चित गली के कुछ पट्टे बीडीए पहुंचे। पड़ताल की तो सामने आया कि ये 2013 वाले पट्टे हैं। बीडीए ने उनको खारिज कर दिया। दरअसल साल 2012-13 में अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री रहने के दौरान पूरे प्रदेश में कच्ची बस्तियों में रहने वाले लोगों को राहत देते हुए उनके मकान के पट्टे बनाये गए थे। बीकानेर में नगर विकास न्यास ने उस वक्त 15,000 से ज्यादा पट्टे बनाए थे। लेकिन इसके बाद इन पट्टों में गड़बड़ी को लेकर एसीबी में एक शिकायत हुई और एसीबी ने नगर विकास न्यास में कुछ पट्टों की जांच की थी। बताते हैं कि एसीबी की जांच में पता लगा कि इन पट्टों के बहाने बड़े खेल हुए हैं। बाद में प्रदेश में सरकार बदलने के साथ ही भाजपा की नई सरकार ने पूरे 5 साल तक इस मामले को लेकर निस्तारण के कोई प्रयास नहीं दिखाए।
अशोक गहलोत 2018 में वापस सीएम बने मगर इन पट्टों पर तब भी यूआईटी ने कुछ नहीं किया। अब वापस भाजपा सरकार आ गई मगर इन सारे पट्टों का एक मुश्त निस्तारण नहीं हुआ। गड़बड़ वाले पट्टों के बीच कुछ सही पट्टे वाले भी परेशान हैं। न तो एसीबी अब तक इन पर कुछ कर पाई ना ही बीडीए। नतीजा लोग परेशान हैं मगर अब बीडीए की नजर में अब भी 2013 वाले पट्टे संदिग्धता की नजर से देखे जा रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि बीडीए अब 2013 वाले प्रकरण में बड़ा एक्शन करने की तैयारी में हैं। बीडीए अपने स्तर भी इन पट्टों की जांच कराने की योजना बना रहा ताकि इस प्रकरण का पटाक्षेप हो। जब तक मामला निस्तारित नही होता तब तक 2012-13 के दौरान के पट्टे शक की नजर से ही देखे जाएंगे।

