क्या अमेरिका की मांसाहारी गाय का दूध नहीं लेने पर भारत पर लगा टैरिफ?

क्या अमेरिका की मांसाहारी गाय का दूध नहीं लेने पर भारत पर लगा टैरिफ?

 क्या अमेरिका की मांसाहारी गाय का दूध नहीं लेने पर भारत पर लगा टैरिफ?                                  

खुलासा न्यूज़। अमेरिका ने भारत पर सबसे ज्यादा कुल 50% टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। दोनों देशों के बीच पिछले 4 महीने से ट्रेड डील पर बातचीत चल रही थी, जो नाकामयाब रही। इसके पीछे की बड़ी वजह भारत का कृषि और डेयरी के मामले में अमेरिका से समझौते से इनकार करना भी है। हालांकि, भारत समेत 5 देश ऐसे हैं, जिन्होंने ट्रम्प सरकार से कृषि और डेयरी को लेकर कोई समझौता नहीं किया। इन देशों में भारत, साउथ कोरिया, कनाडा, स्विट्जरलैंड और आइसलैंड जैसे देश शामिल हैं।

भारत मांसाहारी गाय का दूध लेने को तैयार नहीं

अमेरिका चाहता है कि उसके डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे दूध, पनीर, घी को भारत में आयात की अनुमति मिले। भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है और इस सेक्टर में करोड़ों छोटे किसान लगे हुए हैं। भारत सरकार को डर है कि अगर अमेरिकी डेयरी उत्पाद भारत में आएंगे, तो वे स्थानीय किसानों को भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसके अलावा, धार्मिक भावना भी जुड़ी हुई हैं। अमेरिका में गायों को बेहतर पोषण के लिए जानवरों की हड्डियों से बने एंजाइम (जैसे रैनेट) को उनके खाने में मिलाया जाता है। भारत ऐसी गायों के दूध को ‘नॉन वेज मिल्क’ यानी मांसाहारी दूध मानता है।

भारत की शर्त है कि कोई भी डेयरी उत्पाद तभी भारत में बिक सकता है जब वह यह प्रमाणित करे कि वह पूरी तरह शाकाहारी स्रोत से बना हो। भारत की शर्त है कि कोई भी डेयरी उत्पाद तभी भारत में बिक सकता है जब वह यह प्रमाणित करे कि वह पूरी तरह शाकाहारी स्रोत से बना हो। भारत मॉडिफाइड फसलों पर पाबंदी हटाने के पक्ष में नहीं इसके साथ ही अमेरिका चाहता है कि गेहूं, चावल, सोयाबीन, मक्का और फलों जैसे सेब, अंगूर आदि को भारत के बाजार में कम टैक्स पर बेचा जा सके। वह चाहता है कि भारत इन पर अपनी इम्पोर्ट ड्यूटी को कम करे।

वहीं, भारत अपने किसानों की सुरक्षा के लिए इन पर हाई टैरिफ लगाता है, ताकि सस्ते आयात से भारतीय किसान प्रभावित न हों। इसके अलावा, अमेरिका GMO फसलों को भी भारत में बेचने की कोशिश करता रहा है, लेकिन भारत सरकार और किसान संगठन इसका कड़ा विरोध करते हैं।

भारत में मॉडिफाइड फसलों का विरोध क्यों?

जीन बदलकर बनाई गई फसल को जेनेटिकली मॉडिफाइड ऑर्गैनिज्म्स (GMO) कहते हैं। अमेरिका दुनिया में GMO फसलों का सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक है। भारत ने कपास के अलावा बाकी सभी मॉडिफाइड फसलों पर रोक लगा रखी है। ये मॉडिफाइड फसलें वैज्ञानिक तरीके से बनाई जाती हैं।

भारत में बीज और खाद्य सुरक्षा पर विदेशी कंपनियों का नियंत्रण राष्ट्रीय हित के खिलाफ माना जाता है। भारत अगर इसकी अनुमति दे देता है तो खेती-किसानी पर अमेरिकी कंपनियों का वर्चस्व बढ़ सकता है। इसके अलावा स्वास्थ्य और पर्यावरण जैसे मुद्दे को लेकर भी इस फसल पर सवाल उठते रहे हैं।

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