
बीकानेर: जांच में इस थाने का तत्कालीन एएसआई 2000 रुपए की रिश्वत मांगने का दोषी





बीकानेर: जांच में इस थाने का तत्कालीन एएसआई 2000 रुपए की रिश्वत मांगने का दोषी
बीकानेर। एसीबी ने 11 साल पुराने मामले की जांच पूरी कर गंगाशहर पुलिस थाने के तत्कालीन एएसआई को मुकदमे से धारा 382 आईपीसी हटाने के बदले 2000 रुपए की रिश्वत मांगने का दोषी माना है। उसके खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया गया है।परिवादी गंगाशहर निवासी मनोज गहलोत ने 24 नवंबर, 14 को ब्यूरो चौकी में रिपोर्ट दी थी कि उसका छोटे भाई और माता-पिता से पारिवारिक विवाद चल रहा है। उसे डरा-धमकाकर घर से निकाल दिया गया। इस संबंध में गंगाशहर थाने में रिपोर्ट दी तो कोई कार्यवाही नहीं की गई। एचएचओ से मिलने पर उसे और उसकी पत्नी को धमकाकर थाने से निकाल दिया। चार नवंबर, 14 को मनोज, उसकी पत्नी-बच्चों के खिलाफ ही मुकदमा दर्ज कर लिया गया। थाने जाकर बात करने पर एसएचओ ने एएसआई शिशुपालसिंह से मिलने के लिए कहा। एएसआई से मिला तो उसने मुकदमे से धारा 382 हटाने के बदले खर्चा पानी देने के लिए कहा और 200 रुपए ले लिए। कुछ दिन बाद 150 रुपए का मोबाइल रिचार्ज कराया।
21 नवंबर, 14 को थाने गया तो शराब की बोतल के लिए 400 रुपए लिए। उसके बाद 5000 रुपए और मांगे। नहीं देने पर बंद करने की धमकी देने लगा। उसने पति-पत्नी से फार्म पर हस्ताक्षर कराए, एक गवाह की फोटो ली और और उसके खिलाफ आगे कार्यवाही नहीं करने के लिए 5000 रुपए मांगे। एसीबी ने शिकायत का सत्यापन कराया जिसमें एएसआई की आरे से 2000 रुपए की रिश्वत मांग की गई। बाद में एसीबी ने ट्रैप का प्रयास किया, लेकिन एएसआई को भनक लग गई और उसने रिश्वत नहीं ली। एसीबी ने 11 साल पुराने मामले की जांच पूरी की और आरोपी तत्कालीन एएसआई को 2000 रुपए की रिश्वत मांगने का दोषी माना। उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण न्यायालय में चालान पेश कर दिया है।


