जब चालू ही करना था,तो बंद क्यों किया,सरकार के फैसले पर आमजन की ये आई प्रतिक्रियाएं

जब चालू ही करना था,तो बंद क्यों किया,सरकार के फैसले पर आमजन की ये आई प्रतिक्रियाएं

बीकानेर। एक ओर प्रदेश में रोजाना कोरोना संक्रिमतों का आंकड़ा बड़ रहा है और 250 से ज्यादा जनों में कोरोना संक्रमण हो रहा है। वहीं लॉकडाउन 4 के तहत राज्य सरकार ने आमजन और व्यापारियों को राहत प्रदान करते हुए कई व्यवसायों को सशर्त खोलने की अनुमति दे दी है। सरकार के इस फैसले पर खुलासा टीम के फेसबुक पेज पर पाठकों की अनेक प्रतिक्रियाएं सामने आई। जिसमें लगभग 95 प्रतिशत पाठकों ने सरकार के इस फैसलों पर सवाल ही उठाएं है। हालांकि सरकार ने कालाबाजारी पर अंकुश लगाने के साथ साथ आर्थिक व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिये इस तरह के फैसले का दावा कर रही है। वहीं आमजन में सरकार के कुछ फैसलों को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है। पहले शराब को लेकर सोशल मीडिया पर जो सरकार की फजीहत हुई। तो सोमवार रात पान,गुटखा आदि की दुकानों को खोलने के फैसले पर अब सोशल मीडिया पर जंग छिड़ गई है। जब सोशल साईटस पर इन खबरों का प्रकाशन हुआ तो लोगों की रायशुमारी में गहलोत सरकार के निर्णय का विरोध नजर आया। खुलासा के फेसबुक पेज पर एक पाठक के आर पांडेय ने लिखा है कि जब गुटखा वापस बेचना ही था तो बंद क्यों किया। ऐसा क्या हुआ कि पचास दिन में फैसला वापस लिया। उनका क्या होगा जिन्होंने पांच का मसाला चालीस में खरीद कर खाया। तो एक पाठक लोकेश सोनगरा ने लिखा है जब सभी दुकानें खोल दी है तो मंदिर भी खोल दो सरकार। पाठक राहुल राजपूत ने इसे वोटों की राजनीति से जोड़ा है तो सौरभ बागड़ी कहते है कि इस दौर में घर चलाना भी जरूरी है। एक पाठक तुलसी गोदारा ने लिखा है ये गरीब को मृत्युदंड जैसा फैसला है तो लक्ष्मण मीना ने लिखा है कि लॉकडाउन में जनता को नुकसान,दुकानदारों ने तो मुनाफाखोरी कर जनता को लूटा और अब सरकार लूटने के चक्कर में है। संदीप शर्मा ने सरकार के इस फैसले को जनता के साथ मजाक बताया। इसके पीछे उन्होंने कारण बताया है कि पहले गुटखे पर प्रतिबंध लगाया जाता है और अब इसे चालू करने के फरमान। यह दोगलेपन की राजनीति है। पाठक आशीष सिंह ने कहा कि गरीब की आवाज सुनी है गहलोत सरकार ने। जो ठेले रेहडी लगाते है उनको फायदा होगा। भगतराम सुथार ने इसे ठीक नहीं हुआ बताया तो आदित्य गौतम राजपूत ने व्यंग्यात्मक तरीके से इसे पुण्य काम की संज्ञा दी है।
विष्णु तंवर ने इसे फिर से बंद करने की बात कही तो दिनेश चांडक ने कहा कि तम्बाकू उत्पाद बंद और चालू करने जैसे फैसले अब आम बात सी हो गई है। जितेन्द्र खण्डेवाल ने तंज मारते हुए कहा बंद था कि कब।
मध्यम वर्ग पर कोई फैसला नहीं
उधर गहलोत सरकार द्वारा हर वर्ग के फैसलों के साथ मध्यमवर्गीय के बारे में कोई फैसला न लेने को दुर्भायपूर्ण बताया। विप्र फाण्डेशन की मीना आचार्य का कहना है कि गहलोत सरकार ने कई एतिहासिक फैसले हर वर्ग के लिये लिये होंगे। लेकिन मध्यम वर्ग के लिये गहलोत सरकार ने ऐसा कोई पैकेज नहीं दिया। जिससे उनके आर्थिक हालात सुधर सके। आचार्य ने कहा कि मध्यम वर्ग के हालात ऐसे हो गये कि न तो उन्हें सरकार से कोई राहत मिली और न प्रशासन से। ऐसे में मध्यमवर्गीय परिवारों का जीविकोपार्जन मुश्किल हो गया। सरकार को इनके बारे में सोचना चाहिए। भाजपा नेता जे पी व्यास ने मध्यम वर्ग के लिये किसी भी सरकारों द्वारा घोषणा न करना दुर्भाग्यपूर्ण बताया।

Join Whatsapp
टी.एन.ज्वैलर्स हॉलमार्क ज्वैलरी शोरूम बाबूजी प्लाजा मो 800355555 जेवराती सोना 20 कैरट 101500 रेट , 22 कैरट 106500 चांदी 129500 |टी.एन.ज्वैलर्स हॉलमार्क ज्वैलरी शोरूम बाबूजी प्लाजा मो 800355555 जेवराती सोना 20 कैरट 101500 रेट , 22 कैरट 106500 चांदी 129500 |