
बीकानेर में मलबा उगल रहा सोना-चांदी, छुपा है दर्द और खजाना, दिन-रात पुलिस का पहरा





बीकानेर में मलबा उगल रहा सोना-चांदी, छुपा है दर्द और खजाना, दिन-रात पुलिस का पहरा
खुलासा न्यूज़। मदान मार्केट हादसे को ढाई महीने बीत चुके हैं, लेकिन मलबे की कहानियां आज भी खत्म नहीं हुईं। एक तरफ इस मलबे ने 11 जिंदगियों को निगल लिया, तो दूसरी तरफ अब यही मलबा सोना-चांदी उगल रहा है। पुराने जेल परिसर में रखे गए इस मलबे की रोजाना सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक छानबीन की जा रही है। जहां मजदूर दिनभर मिट्टी-कंकड़ छानकर उसमें से आभूषण और औजार निकाल रहे हैं।
मदद से ज्यादा सख्ती
इस मलबे में लाखों रुपए मूल्य के सोने-चांदी के आभूषण और जेवरात के औजार मौजूद हैं। ऐसे में नगर निगम व प्रशासन की निगरानी में इसे छाना जा रहा है। किसी भी व्यक्ति को मलबे के पास जाने की इजाजत नहीं है। मलबे की सुरक्षा की जिम्मेदारी नगर निगम और होमगार्ड को सौंपी गई है। चारों ओर पुलिस का पहरा दिन-रात तैनात है।
जब औजार मिलते हैं, भर आती हैं आंखें
मदन मार्केट हादसे में जिन परिवारों ने अपनों को खोया, वे जब मलबे से अपने परिजनों की दुकानों के औजार, डाई, डाई कटिंग पीस निकलते देखते हैं, तो उनकी आंखें भर आती हैं। इस हादसे ने केवल इमारत नहीं गिराई, बल्कि कई परिवारों की उम्मीदों को भी मलबे में दफन कर दिया।
तालाबंद पेटी में रखे जा रहे कीमती सामान
मलबे से जो भी सोना-चांदी के आभूषण और टुकड़े निकलते हैं, उन्हें एक विशेष तालाबंद पेटी में रखकर सुरक्षित किया जा रहा है। निगम अधिकारी पूरी प्रक्रिया पर नजर बनाए हुए हैं। अनुमान है कि अभी 10 दिन और इसी तरह मलबे की छनाई चलेगी।
मलबा नहीं, बारीकियों में छुपा है सोना
छानबीन का काम लोहे की जाली से किया जा रहा है। बड़ी मात्रा में मलबा छानने के बाद भी बारीक मिट्टी को अलग से सुरक्षित रखा जा रहा है। क्योंकि संभावना है कि उसमें भी सोने-चांदी के कण या टुकड़े मौजूद हों।
अभी बाकी है काम
अब तक मलबे की करीब 30 से 45 ट्रॉली निकाली जा चुकी है, जिसमें से प्रतिदिन 3 से 4 ट्रॉली छानी जा रही है। अधिकारियों का मानना है कि मोटे मलबे की छनाई में अभी 10 दिन और लग सकते हैं, जबकि बारीक मलबे की जांच में और समय लगेगा।


