
हनुमान बेनीवाल की जन आक्रोश रैली, कहा- प्रशासन ने मांगे नहीं मानी तो धारा 163 को फाड़ देंगे





खुलासा न्यूज नेटवर्क। नागौर में पशु प्रदर्शनी स्थल पर आज (15 जुलाई) राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी प्रमुख सांसद हनुमान बेनीवाल के नेतृत्व में जन आक्रोश रैली हो रही है। यहां विशाल वाटरप्रूफ पंडाल लगाया गया है। सांसद बेनीवाल ने रैली के बाद कई मुद्दों को लेकर अनिश्चितकालीन धरना देने की बात भी कही है। जन आक्रोश सभा के मंच पर पूर्व विधायक इंदिरा बावरी, पूर्व विधायक नारायण बेनीवाल, विधानसभा चुनाव प्रत्याशी कनिका बेनीवाल समेत बड़ी संख्या में रालोपा के जनप्रतिनिधि व पदाधिकारी मौजूद हैं। मंच पर सांसद हनुमान बेनीवाल के साथ रालोपा के विभिन्न जनप्रतिनिधियों के साथ बेटा आशुतोष बेनीवाल और बेटी दिया बेनीवाल भी मौजूद हैं।
कार्यक्रम में हनुमान बेनीवाल ने मंच संभाला है। उन्होंने कहा कि एक-डेढ़ घंटे में प्रशासन ने मांगे नहीं मानी तो धारा 163 को फाड़ देंगे। भाजपा के बड़े-बड़े नेताओं का इस बजरी में किसी का 2 किसी का 5 किसी का 7 तो किसी का 10 परसेंट कमीशन फिक्स है। उन्होंने कहा कि चोर-लुच्चे-लफंगे लंबे समय तक मेरे साथ नहीं रह सकते। इसलिए खींवसर विधायक के कारनामे सामने आ रहे हैं। हारे का सहारा हनुमान बेनीवाल है। नागौर एसपी के तथ्य छुपाकर नौकरी प्राप्त करने की दिल्ली से जांच करवाऊंगा। दोषी साबित होते ही घर भेज दूंगा। अब तो हर दिन आंदोलन होगा, हर दिन सड़कें जाम होंगी। दम है तो एक भी बच्चे को हाथ लगाकर दिखाओ।
पूर्व विधायक का आरोप- शिक्षक रहते अश्लील गाने चलवाए थे
पूर्व विधायक नारायण बेनीवाल ने कहा कि पाली के पाळूं गांव में नारायण टोगस ने शिक्षक रहने के दौरान 26 जनवरी 1996 को गणतंत्र दिवस पर अश्लील गाने चलाए। फिर मुकदमा हुआ तो आरपीएस बनने के बाद राजीनामा कर मामला खत्म किया। नागौर एसपी का यहां आकर दिमाग खराब हो गया।
बता दें कि जिला कलेक्टर अरुण कुमार पुरोहित ने धारा 163 के तहत जिला मुख्यालय, सर्किट हाउस से कलेक्ट्रेट, रेलवे तिराहा से कोर्ट परिसर, कलेक्ट्रेट, एसपी ऑफिस होते हुए निकास गेट तक की सीमा क्षेत्र में निषेधाज्ञा लागू की है।नगर परिषद की ओर से पशु प्रदर्शनी स्थल से कलेक्ट्रेट तक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।
इन मुद्दों को लेकर आयोजित हो रही है रैली
रालोपा की नागौर में आयोजित जन आक्रोश रैली में रास-मेड़ता व मेड़ता- पुष्कर रेलवे लाइन के लिए अवाप्त की जाने वाली भूमि में किसानों को कम मुआवजा देने तथा भूमि अवाप्ति में मनमाफिक प्रक्रिया अपनाने, जयपुर-नागौर-फलौदी के प्रस्तावित थार एक्सप्रेस-वे में हो रहे गलत सर्वे, नागौर जिले की बिगड़ती कानून व्यवस्था, बजरी माफियाओं के आतंक, सीमेंट फैक्ट्रियों व सोलर कंपनियों की मनमर्जी, विभागों में व्याप्त संस्थागत भ्रष्टाचार, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में समय पर उचित क्लेम नहीं मिलने, बीमा कंपनियों व दलाल-माफियाओं का गठजोड़, पशु मेलों में पशुपालकों की ओर से विक्रय किए गए पशुओं के परिवहन में आ रही समस्या सहित कई मुद्दों को उठाया जा रहा है।


