
बीकानेर में सरकार के साथ-साथ विपक्ष भी उदासीन, बारिश के बाद बिगड़े हालातों का जायजा लेने एक भी नहीं पहुंचा मौके पर





खुलासा न्यूज, बीकानेर। जब सरकार नुमाईंदे आंखे बंद कर बैठ जाए तो उनकी आंखे खोलने का काम विपक्ष करता है। लेकिन इन दिनों बीकानेर में दोनों ही आंखे बंद किये हुए बैठे हैं, जिनको बीकानेर शहर में आमजन के लिए परेशानी का कारण बनी समस्या नजर ही नहीं आ रही। इन समस्याओं पर न तो कोई सरकार प्रतिनिधि आगे आ रहे और न ही विपक्ष के लोग। सब चुपचाप देख रहे है। दरअसल, सोमवार दोपहर को शहर में करीब आधे घंटे की बारिश हुई, जिसने सरकार व प्रशासन दावों की पोल खोलकर रख दी। शहर के अधिकांश क्षेत्र पानी से भर गए। लोग अपने घर पहुंचने के लिए रास्ते तलाशते हुए नजर आए। कहीं सीवरेज धस गई तो कहीं रोड़। यहां तक सूरसागर में गंदा पानी चला गया, जहां कार्य प्रगति पर था। लेकिन मंगलवार को एक-दो प्रशासन के अधिकारियों के सिवाय एक भी जिम्मेदार व जनता का प्रतिनिधित्व करने वाले लोग मौके पर नहीं पहुंचे। किसी ने यह साहस नहीं दिखाया कि शहर के बिगड़े हालातों का जायजा लिया जाए और उस पर आवाज उठाई जाए। हालांकि यह काम सरकार में बैठे जनप्रतिनिधियों का है, लेकिन ऐसा देखा गया है कि जब-जब जनप्रतिनिधि उदासीन नजर आये है, तब-तब विपक्ष के लोगों ने आगे आकर मुखर होकर सरकार व उसके नुमाईंदों की आंखों खोलने का काम किया है, परंतु बीकानेर में फिलहाल ऐसा नहीं हो रहा है। इस उदासीनता को देख लगता है कि शहर व आमजन से जुड़ी समस्याओं से सरोकार न तो सरकार में बैठे नेताओं को है और न ही विपक्ष में बैठे लोगों को। पार्टी से जुड़े काम के लिए नेताओं को एक साथ सड़कों पर लड़ते हुए देखा जा सकता है, किसी बड़े नेता पर अर्नगल टिप्पणी पर इनके बड़े -बड़े धरने-प्रदर्शन व पुतला जलाने जैसे कार्यक्रम देखे जा सकते है, परंतु शहर व शहर की जनता से जुड़ी समस्या पर इन नेताओं का रोड़ पर आना तो दूर की बात, सोशल मीडिया पर भी आवाज नहीं उठाई जा रही। ऐसे में सवाल यह पैदा होता है कि इस उदासीनता के बीच क्या इस शहर का कभी विकास और जनता का भला हो पाएगा?


