
सादगी से किया विवाह,सात जन्म साथ रहने की खाई कसम





बीकानेर। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देश में लॉकडाउन चल रहा है। इसके चलते सभी लोग अपने घरों में हैं। लॉकडाउन के चलते हजारों की तादाद में शादियां स्थगित हुई हैं। इस विवाह में ना शहनाई बजी, ना वर घोड़े पर सवार हुए और ना ही हुई विवाह की पूरी रस्में। लेकिन फिर भी लॉकडाउन में सात फेरों के बाद लाभेश व अर्चना सात जन्मों के बंधन में बंध गए। इस विवाह के दौरान दूल्हें व दूल्हन ने मास्क लगाकर सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन किया।
न बैड बाजा ना घोड़ी सादगी से हुई शादी
जस्सूसर गेट निवासी लाभेश आज बिना बैड बाजा और बिना घोड़ी के बारात लेकर मरूनायक चौक पहुंचे। जहां उनकी शादी आज सादगी पूर्ण माहौल में नारायण दास मोहता की सुपौत्री विजय कृष्ण अलका मोहता की सपुत्री अर्चना से हुई। इस अवसर पर मोहता ने बताया कि पूर्व मे चार मई को प्रस्तावित शादी पर लोकडाउन की सभी शर्तों का पालन करते हुए सभी ने सोशल डिसटेश बनाए रखी।
सिर्फ दूल्हा-दुल्हन और पंडित रहे घर में
विवाह की सभी रस्मों के दौरान घर में सिर्फ दूल्हा लाभेश और उनकी दुल्हन अर्चना मौजूद रहे। इसके अलावा दूल्हें की माता जयश्री मून्दड़ा व दूल्हन के माता-पिता शामिल हुए।
ऑनलाइन शादी में शामिल हुए रिश्तेदार
लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए,किसी भी रिश्तेदार को विवाह में आने का निमंत्रण नहीं दिया गया लेकिन सबसे बड़ी बात यह थी कि सभी रिश्तेदारों को ऑनलाइन विवाह में सम्मिलित होने के लिए निमंत्रित किया गया। करीब 50 लोगों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस विवाह को देखा और वर-वधू को आशीर्वाद दिया। इस विवाह में राजस्थान के अन्य शहरों में रहने वाले रिश्तेदार ऑनलाइन सम्मिलित हुए।


