बीकानेर में दिनदहाड़े नजर आया गुंडागर्दी का बेखौफ चेहरा, किसकी सह पर दौड़ रही है बिना नंबरी, गाटर लगी और ब्लैक शीशे वाली गाडिय़ां?

बीकानेर में दिनदहाड़े नजर आया गुंडागर्दी का बेखौफ चेहरा, किसकी सह पर दौड़ रही है बिना नंबरी, गाटर लगी और ब्लैक शीशे वाली गाडिय़ां?

खुलासा न्यूज, बीकानेर। गुरुवार को बीकानेर शहर के व्यास कॉलोनी थाना क्षेत्र में दिनदहाड़े गुंडागर्दी का बेखौफ मंजर सामने आया। इस घटना को जिसने भी देखा वह एक बार कांप उठा, भला ऐसे कैसे हो सकता है। घटना का रिकॉर्ड हुआ वीडियो में आसपास खड़े लोगों की आवाजें सुनाई दे रही है- ‘इतना क्यों पीट रहे है, कोई बचाओ इसे, मर जाएगा।Ó लेकिन इस खौफनाक मंजर में कौन कूदे? सड़क पर गिरे युवक पर लाठियां बरसाई जा रही थी, बिना नंबरी और गाटर लगी दो कैंपर गाडिय़ां सड़क पर गिरे युवक की गाड़ी को बार-बार टक्कर मार रही थी। जोर-जोर से आई आवाज से हर कोई सहम गया, लेकिन रहम तो उन लोगों को नहीं आई, जिन्होंने इस वारदात को अंजाम दिया। व्यास कॉलोनी जैसे क्षेत्र में दिनदहाड़े हुए इस घटना ने कई सवाल पैदा कर दिए, जिनका जवाब न तो पुलिस प्रशासन के पास है और न ही जनप्रतिनिधियों के पास। आखिर क्यों इस तरह की घटनाएं इस शांत शहर में आग लगाने की काम कर रही है? इन बेखौफ बदमाशों को आखिर किसकी सह मिल रही है, जो दिनदहाड़े बिना नंबरी व गाटर लगी कैंपरों में सवार होकर आए और वारदात को अंजाम देकर वहां से निकल गए। यहां सवाल यह नहीं कि दोनों पक्षों के बीच क्या बात रही होगी, लेकिन सवाल यह है कि इनको इतनी हिम्मत कहां से आती है? हेलमेट और यातायात के अन्य नियमों की पालना करवाने वाली हमारी पुलिस कहां थी, जब बिना नंबरी, गाटर लगी और ब्लैक शीशे वाली कैंपर गाडिय़ां दौड़ती आई और निकल गई। न तो आते हुए पकड़े गए और न ही जाते हुए। कानून व्यवस्था के लिए यह गंभीर विषय इसलिए है कि जब पुलिस एक बिना हेलमेट वाले का चालान कर इतनी सख्ताई कर सकती है कि आज अधिकांश लोग हेलमेट का उपयोग कर ही दुपहिया वाहन लेकर निकलते है तो इन धड़ल्ले से दौड़ रही बिना नंबरी, गाटरी लगी और ब्लैक शीशे वाली गाडिय़ों पर यह नियम क्यों नहीं लगा पा रही? लगना तो चाहिए ना, लेकिन बीकानेर शहर में फिलहाल ऐसा नजर नहीं आ रहा, सुबह से शाम और देर रात का शहर की सड़कों पर बिना नंबरी, ब्लैक शीशे व गाटर लगी गाडिय़ां दौड़ रही है, इन गाडिय़ों में कौन सवार है और कहां आ-जा रहे हैं, कोई पता नहीं। बीकानेर पुलिस प्रशासन को इस गंभीर विषय को संज्ञान में लेते हुए ऐसे वाहन चालकों के खिलाफ अभियान चलाना चाहिए और सख्ताई के साथ कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि इस प्रकार की गाड़ी लेकर निकलने से पहले सौ बार सोचे। अगर ऐसा नहीं होता है तो आज जैसी घटनाएं और भी देखने को मिल सकती है।

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