
शनिवार को ससुराल से विदा होकर अपने घर पहुंचेंगे भगवान जगन्नाथ साथ में बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र भी होंगे





शनिवार को ससुराल से विदा होकर अपने घर पहुंचेंगे भगवान जगन्नाथ साथ में बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र भी होंगे
बीकानेर। अपने घर में घूमने का कहकर निकले भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र के साथ ससुराल में आवभगत कराने के बाद वे 5 जुलाई को अपने घर जेल रोड स्थित जगन्नाथ मंदिर पहुंचेंगे। इससे पहले 4 जुलाई को सुबह 8:30 बजे कर्मा बाई भगवान जगन्नाथ को खिचड़े का भोग लगाएंगी। वही 5 जुलाई को सुबह 8:00 बजे से 1:00 बजे तक भगवान जगन्नाथ को सीख देने और भेंट देने का क्रम चलेगा। इसके बाद शाम को 5:30 बजे रसिक शिरोमणि मंदिर में भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र की महआरती होगी। इसके बाद यहां से भगवान जगन्नाथ विदा लेंगे। रथ यात्रा यहां से केईएम रोड होते हुए कोटगेट के रास्ते पुरानी जेल रोड स्थित जगन्नाथ मंदिर पहुंचेगी। जगन्नाथ मंदिर पहुंचने पर वहां पर भगवान जगन्नाथ सुभद्रा और भाई बलभद्र की आरती होगी। रथ यात्रा जगह स्वागत होगा। रथ यात्रा में अलग-अलग रथों मैं भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र सवार होंगे। यात्रा में शामिल श्रद्धालु भजन और कीर्तन करते हुए चलेंगे। विदित रहे कि 27 जून को भगवान जगन्नाथ अपने बहन और भाई के साथ घूमने का कहकर घर से निकले थे। वे घूमते घूमते अपने ससुराल पहुंच गए। ससुराल में भगवान जगन्नाथ की खूब आव
भगत हुई और उन्हें रोज पकवान परोसे गए। वहीं दूसरी ओर भगवान जगन्नाथ के ससुराल पहुंचने की सूचना उनकी पत्नी लक्ष्मी को जैसे ही लगी वह क्रोधित हो गई। लक्ष्मी ने चुपके से जगन्नाथ पुरी से अपने पीहर पहुंचकर भगवान जगन्नाथ के रथ के पहिए तोड़ दिए और वापस जगन्नाथपुरी लौट आई। अब दो दिन बाद भगवान अपने घर के लिए रवाना होंगे। भगवान जगन्नाथ के ससुराल रतन बिहारी पार्क स्थित रसिक शिरोमणि मंदिर में 28 जून से प्रतिदिन छप्पन भोग का प्रसाद लगाया जा रह है।
दाल-चावल के साथ जगन्नाथ को लगाया जा रहा है छप्पन भोग
भक्तों को दर्शन देने 27 जून को सडक़ों पर निकले भगवान जगन्नाथ घूमते-घूमते अपने ससुराल रशिक शिरोमणि मंदिर पहुंच गए। भाई बदल भद्र और बहन सुभद्रा के साथ यहां पहुंचे भगवान की खूब खातिरदारी हो रही है। दाल-चावल, मिठाई, पुरी, सब्जी के साथ ही छप्पन भोग का आयोजन किया जाता है। जगन्नाथ विकास समिति के अध्यक्ष घनश्याम लखाणी बताते हैं कि भगवान जगन्नाथ, उनकी बहन सुभद्रा और भाई बलराम के लिए छप्पन भोग लग रहे हैं। इसके अलावा दोपहर के समय मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी प्रसाद की व्यवस्था की गई है। यह प्रसाद जगन्नाथ मंदिर विकास समिति के संरक्षक शिवरतन अग्रवाल, फन्ना बाबू की ओर से किया जाता है। छप्पन भोग में चावल दाल के अलावा अलग-अलग तरह की मिठाइयां बनाई जाती हैं। वहीं हर दिन दोपहर और शाम को पुजारी देवकिशन पांडे की ओर से आरती की जाती है। कथा वाचक विजय व्यास की ओर से हर दिन जगन्नाथ कथा का वाचन किया जा रहा है।


