BJP को बहुत जल्द मिलने वाला है नया राष्ट्रीय अध्यक्ष, दावेदारों में इनके नामों की चर्चा

BJP को बहुत जल्द मिलने वाला है नया राष्ट्रीय अध्यक्ष, दावेदारों में इनके नामों की चर्चा

BJP को बहुत जल्द मिलने वाला है नया राष्ट्रीय अध्यक्ष, दावेदारों में इनके नामों की चर्चा

खुलासा न्यूज़। भाजपा को 21 जुलाई को संसद के मानसून सेशन शुरू होने के पहले नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल सकता है। उच्चपदस्थ सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, तेलंगाना जैसे 5 प्रमुख राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष घोषित हो जाएंगे। उसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की अधिसूचना जारी हो जाएगी। दो दिवसीय चुनाव कार्यक्रम में सर्वसम्मति से चुनाव होने की परंपरा है तो फिर एक ही नामांकन होगा।

जानकार सूत्रों के अनुसार लोकसभा चुनाव में भाजपा के अकेले दम पर बहुमत से दूर रहने के पीछे ओबीसी और दलित मतदाताओं के उस वर्ग की उदासीनता को जिम्मेदार माना गया जो 2014 और 2019 के चुनाव में पार्टी के साथ थे। इससे पार्टी में ओबीसी चेहरे को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की सोच बनी। कुछ दूसरे रणनीतिकारों का मत रहा कि चूंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद ओबीसी वर्ग से आते हैं, ऐसे में संगठन की कमान भी ओबीसी को देने से पार्टी की सोशल इंजीनियरिंग प्रभावित होगी। इस तर्क को यह कहकर खारिज किया गया कि मोदी को जनता उनकी जाति नहीं बल्कि उनके हिंदू हृदय सम्राट जैसी छवि और गवर्नेंस मॉडल पर वोट देती है। सूत्रों ने बताया कि अप्रेल में मोदी सरकार के जातिगत जनगणना कराने की घोषणा के बाद पार्टी अब ओबीसी अध्यक्ष बनाने के दबाव से कुछ हद तक मुक्त हो गई है। संघ और भाजपा के कुछ रणनीतिकार पार्टी के कोर वोटर वर्ग से ही राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने के पक्षधर हैं।

संघ और भाजपा के बीच मंथन जारी
सूत्रों के मुताबिक संघ और भाजपा के बीच अभी तय नहीं हो पाया है कि अध्यक्ष किस वर्ग और देश के किस हिस्से का होगा। इस बार दक्षिण से अध्यक्ष बनाने के सवाल पर कहा जा रहा है कि इस वक्त संगठन महामंत्री, युवा मोर्चा, ओबीसी मोर्चा और महिला मोर्चा चारों पदों पर दक्षिण भारत के चेहरे हैं। ऐसे में यही स्थिति रही तो राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद गैर-दक्षिण चेहरे को मिलेगा।

अभी कोई नाम तय नहीं
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि मीडिया भले ही दो साल से तमाम नामों पर अटकलें लगा रहा हो, लेकिन सच तो ये है कि अभी तक कोई भी नाम तय नहीं है। संभावित नामों पर चर्चा जरूर हुई है, लेकिन अभी तीन नामों का पैनल भी तय नहीं हुआ है। बिहार चुनाव नए अध्यक्ष के नेतृत्व में ही होगा, इस बात की जरूर गारंटी है।

ये नाम हैं रेस में आगे
शिवराज सिंह चौहान: भाजपा अध्यक्ष पद को लेकर शिवराज सिंह चौहान का नाम सबसे आगे चल रहा है। शिवराज मोदी सरकार में कृषि मंत्री हैं। वह चार बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं। वह 6 बार लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं। शिवराज का पार्टी संगठन में अच्छी पकड़ मानी जाती है। वह OBC कैटेगरी से आते हैं। RSS के साथ भी शिवराज के अच्छे संबंध हैं।

सुनील बंसल: सुनील बंसल ने 2014 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश के सह प्रभारी और 2017 विधानसभा चुनाव में प्रदेश की जिम्मेदारी संभाली। उन्होंने इन दोनों चुनावों में बीजेपी को कामयाबी दिलाई। ओडिशा, तेलंगाना और बंगाल में पार्टी की कामयाबी का सहरा इनके सिर बंधा। उनकी भी RSS के साथ अच्छी नजदीकी मानी जाती है।

धर्मेंद्र पधान: धर्मेंद्र प्रधान वर्तमान में केंद्रीय शिक्षा मंत्री है। वह ओडिशा से आते हैं। जहां बीजेपी ने पहली बार अपने दम पर सरकार बनाई है। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री अमित शाह के भरोसेमंद माने जाते हैं। प्रधान OBC समुदाय से आते हैं। उनकी राजनीतिक पृष्ठभूमि ABVP से जुड़ी है।

इनके तीनों के अलावे तमिलनाडु से आने वाली वानति श्रीनिवासन, तमिलिसाई सौंदर्यराजन और आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम व TDP संस्थापक एन.टी. रामाराव (NTR) की बेटी डी. पुरंदेश्वरी का नाम भी भाजपा अध्यक्ष पद के लिए चल रहा है। तीनों महिलाएं दक्षिण से आती हैं। पार्टी दक्षिण में अपनी पैठ बनाने में जुटी हुई हैं।

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