
बड़ी खबर: भजन लाल सरकार ने 11 अधिकारियों को किया सस्पेंड







बड़ी खबर: भजन लाल सरकार ने 11 अधिकारियों को किया सस्पेंड
जयपुर। राजस्थान के कृषि विभाग में किसानों को घटिया खाद और बीज सप्लाई करने के मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है। कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा के निर्देश पर विभाग ने 11 अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इन अधिकारियों पर खाद-बीज माफियाओं के साथ मिलीभगत और लापरवाही के गंभीर आरोप हैं।
इस कार्रवाई से विभाग में हडक़ंप मच गया है। उप सचिव नवरत्न कोली द्वारा जारी आदेश के अनुसार, निलंबित अधिकारियों को जयपुर स्थित कृषि मुख्यालय में रिपोर्ट करना होगा और उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता दिया जाएगा।
मिलीभगत और लापरवाही का आरोप
बताते चलें कि कृषि विभाग पिछले कुछ समय से नकली और घटिया खाद के खिलाफ लगातार छापेमारी कर रहा है। जांच में सामने आया कि कई अधिकारी माफियाओं के साथ मिलकर किसानों को निम्न गुणवत्ता वाले खाद और बीज सप्लाई कर रहे थे। इसके अलावा, कुछ अधिकारियों ने अवैध भंडारण की शिकायतों पर समय रहते कार्रवाई नहीं की। इस गंभीर लापरवाही और भ्रष्टाचार के खिलाफ मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने सख्त रुख अपनाते हुए तत्काल निलंबन के आदेश दिए।
इन अधिकारियों को किया गया निलंबित
निलंबन की कार्रवाई दो अलग-अलग आदेशों के तहत की गई। पहले आदेश में 8 अधिकारियों को निलंबित किया गया, जिन पर फैक्ट्री मालिकों के साथ मिलीभगत कर घटिया खाद और बीज के निर्माण व वितरण का आरोप है। इनमें उप निदेशक बंशीधर जाट, सहायक निदेशक ज्वाला प्रताप सिंह, सहायक निदेशक गोविंद सिंह, सहायक निदेशक मुकेश चौधरी, कृषि अधिकारी राजवीर ओला, सौरभ गर्ग, मुकेश माली और कैलाश चंद शर्मा शामिल हैं।
कृषि विभाग का आदेश
दूसरे आदेश में तीन अधिकारियों- सहायक निदेशक लोकेंद्र सिंह, कृषि अधिकारी सुनील बरडिया और कृषि अधिकारी प्रेम सिंह को निलंबित किया गया। इन पर अवैध भंडारण की शिकायतों पर समय पर निरीक्षण न करने और लापरवाही बरतने का आरोप है।
कृषि विभाग का आदेश
किसानों के साथ धोखा बर्दाश्त नहीं
कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि किसानों के साथ धोखा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि अन्नदाताओं के हितों की रक्षा के लिए भ्रष्टाचार और लापरवाही पर कड़ा प्रहार किया जाएगा। यह कार्रवाई उन अधिकारियों के लिए सख्त संदेश है जो माफियाओं के साथ मिलकर किसानों को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
इस कार्रवाई के बाद विभाग में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने की उम्मीद जताई जा रही है। निलंबित अधिकारियों के खिलाफ आगे की जांच जारी है, और दोषी पाए जाने पर और सख्त कार्रवाई की जा सकती है।


