
संस्कृत पाठशाला की संपत्ति पर फर्जी दस्तावेज तैयार कराकर कब्जा करने का आरोप







संस्कृत पाठशाला की संपत्ति पर फर्जी दस्तावेज तैयार कराकर कब्जा करने का आरोप
बीकानेर । पंडि़त भूधरदेव शास्त्री सनातन धर्म संस्कृत पाठशाला संस्था नापासर की संपत्ति पर फर्जी दस्तावेज तैयार कर कब्जा करने का मामला नापासर थाने में दर्ज कराया गया है। यह मामला नापासर निवासी विनोद कुमार शर्मा पुत्र भूधर देव शर्मा ने दर्ज कराया है।परिवादी ने लालचंद आसोपा, दधिमति आसोपा, निर्मल आसोपा, रामरतन शर्मा, शंकरलाल झंवर, पुण्यानंद गिरी महाराज, माखनलाल सेवग के खिलाफ धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। उसने रिपोर्ट में बताया कि नापासर में पंडित भूधरदेव शास्त्री सनातन धर्म संस्कृत पाठशाला संस्था है।
संस्था का कार्यालय सहायक आयुक्त देवस्थान विभाग बीकानेर से रजिस्टर्ड है। परिवादी संस्था में अध्यक्ष के पद पर कार्यरत है। उसके पिता भूधरदेव शास्त्री ने संस्कृत की शिक्षा को बढ़ाने, भारतीय संस्कृति एवं उनके मूल्यों को जीवित रखने के लिए संस्कृत विद्यालय खोलने के लिए बीकानेर के तत्कालीन रियासत एवं ग्राम पंचायत नापासर से जमीन की मांग की।
इस पर तत्कालीन रियासत एवं ग्राम पंचायत नापासर ने भूधरदेव शास्त्री को जमीन आबंटित कर दी। पाठशाला व शास्त्री जी को आबंटित दोनों पट्टेशुदा जमीन पासपास थी। इसलिए दोनों भूमि को मिलाकर उसमें सरस्वती माता का मंदिर, यज्ञशाला, पानी का कुआं, भोजनशाला का निर्माण स्वयं की कमाई और जनसहयोग से किया। निर्मित भाग में संस्कृत विद्यालय स्थापित किया
आरोपियों ने संस्था की संपत्ति को हड़प करने की नीयत से सांठगांठ की। आरोपी पुण्यानंद गिरी महाराज ने उक्त संपत्ति का स्वयं को मालिक बताकर अन्य लोगों के सहयोग से एक ट्रस्ट का निर्माण कर लिया। फर्जी दस्तावेज तैयार करके श्रीशंकर सनातन धर्म संस्कृत पाठशाला के नाम से ट्रस्ट तैयार करके पंडित भूधरदेव शास्त्री सनातन धर्म संस्कृत पाठशाला संस्था नापासर की संपत्ति पर कब्जा करने का प्रयास किया। आरोपियों का पंडित भूधरदेव शास्त्री सनातन धर्म संस्कृत पाठशाला संस्था की संपति से कोई लेना-देना नहीं है।


