
परीक्षा आवेदनों को लेकर आरपीएससी सख्त: अब अगर बिना योग्यता के किया आवेदन तो उम्र भर के नहीं दे पाएंगे प्रतियोगिी परीक्षाएं






परीक्षा आवेदनों को लेकर आरपीएससी सख्त: अब अगर बिना योग्यता के किया आवेदन तो उम्र भर के नहीं दे पाएंगे प्रतियोगिी परीक्षाएं
बीकानेर। राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) ने बिना योग्यता और अनुभव के आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। ऐसे अभ्यर्थियों को न केवल आयोग की परीक्षाओं से डिबार किया जाएगा, बल्कि उनकी सूचना अन्य सरकारी भर्ती एजेंसियों को भी देकर उम्रभर कई प्रतियोगी परीक्षाएं देने पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। आयोग ने अभ्यर्थियों को आवेदन वापस लेने का मौका दिया है, निर्धारित समय में आवेदन वापस नहीं लेने वालों पर डिबार के साथ-साथ भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 217 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसी क्रम में राजस्थान लोक सेवा आयोग की आईटी शाखा विशेष सॉफ्टवेयर और ्रढ्ढ तकनीक से आवेदनों की रैंडम जांच कर रही है। जांच में पाया गया कि कई आवेदक बिना अनिवार्य योग्यता के ही फॉर्म भर रहे हैं। गौरतलब है कि एआई व सॉफ्टवेयर से कीगई जांच में दो प्रकरण सामने आने के बाद आरपीएससी ने यह सख्ती की है। सावधान! फर्जी दस्तावेज व जालसाजी पड़ेगी भारी आयोग की भर्ती परीक्षाओं में ऑनलाइन आवेदन के दौरान गलत सूचना देना या फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत करना आवेदकों को भारी पड़ सकता है। पूर्व में भी आयोग की ओर से फर्जी डिग्री व प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करने के विभिन्न ऐसे प्रकरणों को पुलिस में दर्ज कराया गया है। अत: आवेदक के निर्दिष्ट योग्यता धारित नहीं करने पर फर्जी दस्तावेज बनाने वाले संस्थानों व व्यक्तियों के बहकावे में न आएं। परीक्षा में अनुपस्थित रहने पर वन टाइम रजिस्ट्रेशन होगा ब्लॉक एक वित्तीय वर्ष में दो परीक्षाओं में अनुपस्थित रहने पर आवेदक का वन टाइम रजिस्ट्रेशन ब्लॉक होगा। पुन: सक्रिय करने के लिए 750 रुपए और दोबारा ब्लॉक होने पर 1500 रुपए देने होंगे। आवेदकों के समय एवं धन को बचाने के लिए वन टाइम रजिस्ट्रेशन की सुविधा दी गई है। फिर भी यदि कोई आवेदक किन्हीं कारणों से परीक्षा में उपस्थित होने का इच्छुक नहीं है तो उसे अनुपस्थित होने पर उक्त देय राशि से तब ही मुक्त किया जाएगा, जब वह परीक्षा आयोजित होने से एक माह पूर्व भर्ती एजेंसी को निर्धारित प्रक्रिया के माध्यम से सूचित करेगा। कई ई-मित्र संचालक अपात्र अभ्यर्थियों के भी फॉर्म भर रहे हैं। ऐसे संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और उनका लाइसेंस रद्द किया जा सकता है। अभ्यर्थियों को भ्रमित कर अनावश्यक फार्म भरने वाले ई-मित्रों के विरूद्ध भी राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा कार्यवाही की जाएगी। यदि कोई ई-मित्र संचालक ऐसा करते हुए पाया जाएगा तो सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग को उसका लाइसेंस निरस्त करने के लिए लिखा जाएगा। ई-मित्र संचालकों को आगाह किया जाता है कि वे किसी भी अभ्यर्थी को भ्रमित कर अनावश्यक फार्म भरने के लिए नहीं उकसाए। साथ ही अभ्यर्थियों को आगाह किया जाता है कि जिस पद के लिए योग्यता रखते हैं, उसी पद के लिए आवेदन करें।


