प्यास से बिलबिलाया पाकिस्तान, बिलावल भुट्टो ने दी भारत पर परमाणु बम गिराने की धमकी

प्यास से बिलबिलाया पाकिस्तान, बिलावल भुट्टो ने दी भारत पर परमाणु बम गिराने की धमकी

प्यास से बिलबिलाया पाकिस्तान, बिलावल भुट्टो ने दी भारत पर परमाणु बम गिराने की धमकी

खुलासा न्यूज़। पाकिस्तान (Pakistan) ने एक बार फिर भारत (India) को परमाणु युद्ध (Nuclear War) की गीदड़ भभकी दी है। पाक के पूर्व विदेश मंत्री व पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के सुप्रीमो बिलावल भुट्टो ज़रदारी (Bilawal Bhutto Jardari) ने अमेरिका (America) में कहा कि भारत सिंधु नदी जल समझौता (Indus Water Treaty) का उल्लंघन कर रहा है। भारत के इस कदम से पाकिस्तान में जल संसाधन का गंभीर खतरा उत्पन्न हो रहा है।

अस्तित्व बचाने के लिए परमाणु युद्ध लड़ेंगे
बिलावल ने कहा कि हमारी जल आपूर्ति को बाधित करना युद्ध की कार्रवाई है। यह केवल राष्ट्रवाद या राजनीतिक बयानों तक सीमित नहीं है। हम यह सिर्फ दवाब बनाने के लिए नहीं कह रहे हैं। यह पाकिस्तान के अस्तित्व के बारे में है। भुट्टो ने कहा कि दुनिया का कोई भी देश, चाहे वह कितना भी बड़ा या शक्तिशाली क्यों न हो, अपने पानी और भविष्य को खतरे में डालने पर चुप नहीं बैठेगा। हर देश अपने पानी के लिए लड़ेगा। भुट्टो ने कहा कि पानी के लिए युद्ध अब तक सिर्फ थ्योरी तक सीमित थी, लेकिन भारत, पाकिस्तान की पानी की आपूर्ति बंद करके अस्तित्व संघर्ष की नींव रख रहा है, जो कि परमाणु यद्ध तक बढ़ सकता है।

अमेरिका के सामने गिड़गिड़ाया पाकिस्तान
पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने अमेरिका से भारत को बातचीत की मेज पर लाने का अनुरोध किया है। भुट्टो ने कहा कि संघर्ष से बचने का यही एकमात्र रास्ता है। भुट्टो ने कहा कि अमेरिका को इंडस वॉटर ट्रीटी रोकने के कारण भारत के खिलाफ कड़ा फैसला लेना चाहिए।

हमने जवाब में शिमला समझौता रद्द किया
बिलावल ने कहा कि 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया था। इसके बाद भारत ने सिंधु जल समझौता रद्द कर दिया। इसके जवाब में पाकिस्तान ने शिमला समझौता सहित भारत के साथ सभी द्विपक्षीय समझौतों को निलंबित करने का फैसला लिया। पाकिस्तान ने अटारी-वाघा सीमा को बंद करने और भारत के साथ सभी व्यापार को निलंबित करने की भी घोषणा की।

क्या है सिंधु जल समझौता
भारत और पाकिस्तान ने साल 1960 में सिंधु जल समझौता किया था। भारत के प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू और पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान ने समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। विश्व बैंक ने इस समझौते में मध्यस्थता की भूमिका निभाई थी। इस संधि के तहत भारत को पूर्वी नदियों (रावी, व्यास, सतलुज) का नियंत्रण दिया गया था, और पाकिस्तान को पश्चिमी नदियों (सिंधु, झेलम, चिनाब) का नियंत्रण दिया गया था, लेकिन पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाए, जिसमें इस संधि को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया और पानी के बहाव को नियंत्रित किया।

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