
वैज्ञानिकों द्वारा गांव गांव जाकर किसानों को दी जाएगी आधुनिकतम कृषि तकनीक की जानकारी






29 मई से 12 जून तक चलेगा विकसित कृषि संकल्प अभियान
वैज्ञानिकों द्वारा गांव गांव जाकर किसानों को दी जाएगी आधुनिकतम कृषि तकनीक की जानकारी, 180 ग्राम पंचायतों में आयोजित होंगे शिविर
खुलासा न्यूज़,बीकानेर, 27 मई। किसानों को खेती की उन्नत तकनीक, केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं की जानकारी देने तथा प्राकृतिक खेती के लिए प्रोत्साहित करने हेतु 29 मई से 12 जून तक विकसित कृषि संकल्प अभियान चलाया जाएगा। केंद्र सरकार के कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्रालय की पहल पर आयोजित होने वाले इस अभियान के तहत जिले की 180 ग्राम पंचायतों में कृषि अधिकारी, केवीके तथा भारतीय कृषि अनुसंधान से जुड़े विभिन्न संस्थाओं के वैज्ञानिक किसानों से संवाद कर विभिन्न जानकारियां साझा करेंगे। केंद्र सरकार के विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत सघन गतिविधियां आयोजित की जाएंगी । स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय की प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ नीना सरीन ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस अभियान में भारतीय कृषि अनुसंधान की विभिन्न संस्थाओं के वैज्ञानिक, एसकेआरएयू से संबद्ध कृषि विज्ञान केन्द्रों के अधिकारी और वैज्ञानिक तथा कृषि-उद्यान विभाग अधिकारी एक टीम के रूप में ग्राम पंचायत पहुंचेंगे तथा नवीनतम कृषि तकनीक अनुसंधान प्रौद्योगिकी की जानकारी साझा करेंगे। संयुक्त निदेशक कृषि विस्तार कैलाश चौधरी ने बताया कि अभियान का उद्देश्य जलवायुवीय चुनौतियों और स्थानीय परिस्थितियों के साथ किसानों को आधुनिकतम तकनीकी की जानकारी देते हुए अधिकतम लाभ कमाने के लिए तैयार करना है। इस अभियान का उद्देश्य आगामी खरीफ फसलों की पैदावार को बढ़ाने के साथ किसानों को इन फसलों में आने वाली चुनौतियों और समस्याओं से निपटने के लिए तैयार करना है। इस दौरान स्थानीय प्रगतिशील नवाचारी किसानों के अनुभव भी साझा किए जाएंगे । खेत की मिट्टी के नमूने लिए जाएंगे तथा इन्हें संग्रहित कर किसानों को उनकी मिट्टी की स्वास्थ्य से अवगत कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि जिले में कई राष्ट्रीय स्तर के कृषि अनुसंधान संस्थान कार्यरत है। इस अभियान के दौरान अतिरिक्त समन्वय करते हुए एक प्लेटफार्म पर कार्य करते हुए यह प्रयास किया जाएगा कि इन संस्थानों में हो रहे अनुसंधान का पूरा लाभ क्षेत्र के किसानों को मिले।
मूंगफली अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक ने बताया कि मूंगफली उत्पादन में बीकानेर अग्रणी है। यहां किसानों को काली जड़ जैसे रोगों की समस्याओं के इलाज की जानकारी दी जाएगी। कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ मदन लाल रेगर ने बताया कि इस पूरे अभियान की सफलता के लिए विभिन्न संस्थाओं के समन्वय से चार टीमें बनाई गई है। सभी चार टीमें एक दिन में कुल 12 ग्राम पंचायतों में शिविर आयोजित कर किसानों के साथ संवाद करेंगी। इन टीमों में केवीके के दो वैज्ञानिक, कृषि-उद्यानिकी विभाग से एक सदस्य, शुष्क बागवानी संस्थान से एक सदस्य, काजरी तथा उष्ट्र अनुसंधान केंद्र से एक सदस्य शामिल होगा। कार्यक्रम के समन्वक जिला स्तर पर संयुक्त निदेशक कृषि विस्तार जिला परिषद बीकानेर को बनाया गया है। इस दौरान कृषि विभाग उद्यानिकी से सहायक निदेशक मुकेश गहलोत, डॉ केशव मेहरा सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।


