
ट्रक की टक्कर से कैम्पर के उड़े परखच्चे… एक साथ 4 घरों के बुझे चिराग, हिरण को बचाने निकले थे चारो






ट्रक की टक्कर से कैम्पर के उड़े परखच्चे… एक साथ 4 घरों के बुझे चिराग, पत्नी बोली- अब किसके लिए जिऊंगी?
खुलासा न्यूज़। पोकरण में शुक्रवार रात लाठी गांव के पास सड़क पर ऐसा दर्द लिख गया, जिसे पोकरण बरसों भूल नहीं पाएगा। कैम्पर और ट्रक की भीषण भिड़ंत में वन विभाग के एक कर्मचारी और तीन वन्यजीव प्रेमियों की मौके पर ही मौत हो गई। एक ही पल में चार घर सूने हो गए, चार मांओं की गोद उजड़ गई और बहनों की राखी अधूरी रह गई।
ये वे लोग थे जो खुद को जंगल, जानवरों और प्रकृति की सेवा में लगाए हुए थे। जीवों के लिए लड़ने वाले आज खुद जिंदगी की जंग हार गए। जिस गाड़ी में बैठकर वे किसी नेक काम के लिए जा रहे थे, वही उन्हें काल की गोद में ले गई। रात होते ही जब एंबुलेंस के सायरन अस्पताल के दरवाजे पर गूंजी, तो उनके अपने बदहवासी में दौड़े। किसी की मां बेटे का चेहरा देखते ही बेहोश हो गई, किसी की पत्नी चीत्कार कर उठी—अब किसके लिए जिऊंगी?
लाठी के जंगलों में थी शिकारी आने की सूचना
हादसे में वन प्रेमी राधेश्याम विश्नोई की भी मौत हुई है। शिकारियों की सूचना पर राधेश्याम साथी श्याम प्रसाद पुत्र बगदूराम विश्नोई, कवराजसिंह भादरिया और वन विभाग के कर्मचारी सुरेंद्र चौधरी के साथ लाठी एरिया के जंगल में जा रहे थे। लाठी में गैस एजेंसी के सामने उनकी गाड़ी का एक्सीडेंट हो गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने गाड़ी का अगला हिस्सा अलग कर क्रेन की मदद से शव निकाले। सभी बॉडी को पोकरण हॉस्पिटल में पहुंचाया गया।
घटनास्थल पर बिखरा था मौत का मंजर
लाठी गांव के पास रात करीब सवा दस बजे जब एसयूवी और ट्रक में भीषण भिड़ंत हुई, तो पूरा इलाका दहल उठा। टक्कर इतनी जोरदार थी कि एसयूवी कार के परखच्चे उड़ गए। वाहन का अगला हिस्सा पूरी तरह पिचक गया और चारों युवक उसमें फंस गए।
हादसे के कुछ ही देर बाद स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे। वहां का दृश्य किसी भयावह सपने से कम नहीं था। चारों ओर खून बिखरा था, गाड़ी में फंसे शरीर जीवन की अंतिम अवस्था में थे। कोई नहीं बोल रहा था, सिर्फ गूढ़ खामोशी थी जो सबकुछ कह रही थी। कुछ ग्रामीणों ने मोबाइल की रोशनी में शवों को देखने की कोशिश की। कोई पहचानने की कोशिश कर रहा था, उन्हें बाहर निकालने की मशक्कत। पुलिस और एंबुलेंस के आने तक पूरे इलाके में मातमी सन्नाटा छा गया।


