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हाईकोर्ट ने सरकार को फटकारा, स्कूल फीस रिव्यू-कमेटी नहीं बनाने पर शिक्षा सचिव को किया तलब

खुलासा न्यूज नेटवर्क। राजस्थान हाईकोर्ट ने स्कूली फीस पर अपील सुनने रिव्यू कमेटी नहीं बनाने पर नाराजगी जाहिर करते हुए सरकार को फटकार लगाई है। राजस्थान स्कूल शुल्क विनियमन अधिनियम, 2016 के तहत अब तक रिव्यू कमेटी नहीं बनाने को हाईकोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए तल्ख कमेंट भी किए। जस्टिस अनुप के ढंड की एकल पीठ ने इस देरी को गंभीरता से लेते हुए जवाब मांगा है।

शिक्षा विभाग के सचिव को सोमवार को हाईकोर्ट में खुद या वीसी के जरिए पेश होने का आदेश दिया है, साथ ही कमेटी बनाने में देरी होने के कारणों पर शपथ पत्र देने को कहा है। याचिकाकर्ता स्कूल की तरफ से एडवोकेट ने तर्क दिया कि समिति के गठन में देरी से स्कूलों और अभिभावकों को बहुत ज्यादा असुविधा हुई है, क्योंकि उनके सामने अपने विवादों के निवारण के लिए कोई सक्षम अपीलीय मंच ही नहीं है।

स्कूलों में फीस तय करने और उसे रेगुलेट करने के लिए राजस्थान स्कूल शुल्क विनियमन अधिनियम, 2016 बनाया गया था। इस अधिनियम की धारा 10 में पुनरीक्षण समिति ( रिव्यू कमेटी) के गठन का प्रावधान है। यह कमेटी खंडीय फीस विनियामक समिति से पारित आदेशों के खिलाफ सुनवाई के लिए एक अपील ऑथोरिटी का काम करती है।

जून 2024 तक कमेटी बनाने का आश्वासन, अब तक नहीं बनी
2016 में कानून लागू हो जाने के बावजूद आज तक रिव्यू कमेटी का गठन नहीं किया। पुनरीक्षण समिति का गठन नहीं किया गया है। राजस्थान सरकार ने मई 2024 में हाईकोर्ट को यह आश्वासन दिया था कि यह समिति 15 जून 2024 से काम करना शुरू कर देगी। कार्यशील हो जाएगी, परन्तु आज तक समिति का गठन नहीं हो पाया है।

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