इमरजेंसी के लिए पीबीएम में आईसीयू 20 और जनरल के 40 वार्ड तैयार किए, 50 बेड का बर्न यूनिट बनाया, सीएचसी और पीएचसी में बढाई व्यवस्थाएं

इमरजेंसी के लिए पीबीएम में आईसीयू 20 और जनरल के 40 वार्ड तैयार किए, 50 बेड का बर्न यूनिट बनाया, सीएचसी और पीएचसी में बढाई व्यवस्थाएं

बीकानेर। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री तथा जिला प्रभारी मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने वर्तमान परिस्थितियों के मद्देनजर पीबीएम अस्पताल तथा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गई व्यवस्थाओं की समीक्षा की।

मेडिकल कॉलेज सभागार में रविवार को आयोजित बैठक के दौरान खींवसर ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में चिकित्सकीय स्टाफ की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। चिकित्सक और पैरा मेडिकल स्टाफ इसे समझें और अतिरिक्त संवेदनशीलता एवं सजगता रखते हुए कार्य करें। उन्होंने कहा कि संभाग का सबसे बड़ा अस्पताल होने के कारण पीबीएम अस्पताल की रोल अहम है। यहां दवाईयों और किसी प्रकार के आवश्यक उपकरणों की कमी नहीं रहे। आपात स्थिति को देखते राज्य सरकार द्वारा पर्याप्त मैन पावर नियोजित कर दिया है। सभी संसाधन मुहैया करवाए गए हैं। आगे भी इसमें किसी प्रकार की कमी नहीं आने दी जाएगी।

प्रभारी मंत्री ने कहा कि अस्पताल की सभी एंबुलेंस चालू रहे। आवश्यकता अनुसार एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस भी उपलब्ध करवा दी जाएगी। उन्होंने अस्पताल की मशीनरी के अलावा जेनरेटर सेट, कूलर, वाटर कूलर सहित सहित आवश्यक उपकरण भी चालू स्थिति में रखने के निर्देश दिए। जिले के निजी और सरकारी अस्पतालों में सुविधाओं के बारे में जाना। दवाईयों की उपलब्धता का रिव्यू किया। उन्होंने विभिन्न विभागाध्यक्षों से उनकी तैयारियों का फीडबैक लिया।

प्रभारी मंत्री ने आपात परिस्थितियों के मद्देनजर तैयार विशेष वार्डों और बर्न यूनिट की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि इन स्थानों पर पारियों के आधार पर विशेषज्ञ चिकित्सकों और सहायक स्टाफ की नियुक्ति करते हुए इसे राउंड दा क्लॉक एक्टिव रखा जाए। इसी प्रकार चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गई व्यवस्थाओं के बारे में भी जाना। विभाग की एंबुलेंस, ऑक्सीजन की स्थिति, दवाईयों की उपलब्धता, ग्रामीण क्षेत्रों तक कार्मिकों की नियुक्ति के बारे में जाना। उन्होंने कहा कि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी इन पर पूरी नजर रखे। उन्होंने लू और तापघात की स्थिति में आवश्यक व्यवस्थाओं के बारे में भी जाना।

संभागीय आयुक्त डॉ रवि कुमार सुरपुर ने कहा कि रात्रि कालीन शिफ्ट के सभी डॉक्टर आगामी आदेशों तक ड्यूटी पर सतर्कता से तैनात रहें। आपात स्थिति में त्वरित रिस्पॉन्स हो। सभी उपलब्ध संसाधन चालू स्थिति में रहे। उन्होंने बताया कि वर्तमान परिस्थितियों में मुस्तैद चिकित्सा सुविधा राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसमें कोई कमी नहीं रहे।

मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. गुंजन सोनी ने बताया कि वर्तमान परिस्थितियों के मद्देनजर विशेष वार्ड में आईसीयू के 20 और जनरल 40 वार्ड तैयार किए हैं। वहीं 50 बेड का बर्न यूनिट बनाया गया है। सभी स्थानों पर आवश्यक व्यवस्थाएं कर ली गई हैं।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. देवेंद्र चौधरी ने बताया कि रणजीतपुरा, नाल और बीछवाल में क्रमश: बीस, दस और दस बेड के इमरजेंसी हॉस्पिटल तैयार किए गए हैं। जहां कुल पांच एंबुलेंस भी उपलब्ध करवाई गई है। वहीं सीएचसी और पीएचसी स्तर पर 200 से अधिक बेड बढ़ाए गए हैं। प्रत्येक स्थान पर ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और सिलेंडर्स उपलब्ध करवाए गए हैं।

बैठक में खाजूवाला विधायक डॉ. विश्वनाथ मेघवाल, जिला कलेक्टर नम्रता वृष्णि, पीबीएम अधीक्षक डॉ सुरेंद्र वर्मा और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पुखराज साध सहित अनेक चिकित्सक उपस्थित रहे।

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