
झंवर का निर्वाचन न्यायालय ने रद्द किया, भूरा को मिला नई जिम्मेदारी







झंवर का निर्वाचन न्यायालय ने रद्द किया, भूरा को मिला नई जिम्मेदारी
बीकानेर। जिले के नोखा नगरपालिका में नेतृत्व परिवर्तन हुआ है। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, नोखा की अदालत ने पूर्व पालिकाध्यक्ष नारायण झंवर के निर्वाचन को अवैध करार देते हुए रद्द कर दिया है। यह निर्णय चुनाव याचिका क्रमांक 15/2023 (महेन्द्र कुमार बनाम नारायण झंवर) और 18/2023 (श्रीनिवास झंवर बनाम नारायण झंवर) पर सुनवाई के बाद, 15 अप्रैल 2025 को सुनाया गया।
अदालती निर्णय के बाद अध्यक्ष पद रिक्त हो गया था। यह पद सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित है और नियमों के अनुसार, केवल सामान्य वर्ग के पार्षद को ही इस पद पर नियुक्त किया जा सकता है।
राजस्थान नगरपालिका अधिनियम, 2009 की धारा 50 (1)(0)(क) के अंतर्गत वार्ड नंबर 11 के पार्षद निर्मल कुमार भूरा को अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। वे राज्य सरकार के अगले आदेश तक इस पद पर कार्यरत रहेंगे।
नगरपालिका के अधिशासी अधिकारी शैलेन्द्र गोदारा ने पुष्टि की है कि निर्मल कुमार भूरा ने 22 अप्रैल 2025 की दोपहर में अध्यक्ष पद का कार्यभार ग्रहण कर लिया है।
क्या था मामला?
15 अप्रैल 2025 को एडीजे प्रथम मुकेश कुमार की अदालत ने नारायण झंवर को अयोग्य घोषित करते हुए उनके निर्वाचन को रद्द कर दिया।
याचिकाकर्ताओं ने अदालत में यह तर्क दिया कि नारायण झंवर ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (क्रष्टक्क) का प्रत्याशी होने का दावा करते हुए नामांकन पत्र दाखिल किया था। उन्होंने नामांकन फॉर्म में पार्टी प्रत्याशी के रूप में खुद को घोषित किया था, जिसमें उम्मेदसिंह चम्पावत के हस्ताक्षर थे।
हालांकि, यह स्पष्ट हुआ कि उम्मेदसिंह चम्पावत क्रष्टक्क की ओर से अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता नहीं थे, और इस संबंध में पार्टी द्वारा राज्य निर्वाचन आयोग को कोई आधिकारिक सूचना भी नहीं दी गई थी।
इसलिए, अदालत ने माना कि नारायण झंवर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के वैध प्रत्याशी नहीं थे और याचिकाओं में प्रस्तुत दलीलों को उचित ठहराते हुए उनका निर्वाचन रद्द करने का निर्णय सुनाया गया।

